अरस्तु जी एक महान यूनानी दार्शनिक थे वे महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे इनका जन्म 384 ईसा पूर्व में यूनान के स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था व इनकी मृत्यु 62 साल की उम्र में 322 ईसा पूर्व में हुआ था | इसीलिए हम आपको अरस्तु जी द्वारा बताये गए कुछ बेहतरीन विचारो के बारे में बताते है जो विचार आपके लिए प्रेरणादायक है जिन्हे पढ़ कर आप इनके बारे में काफी कुछ जान सकते है |
Aristotle Quotes on Education in Hindi
पचास दुश्मनो का एन्टीडोट एक मित्र है। (एन्टीडोट – किसी चीज़ के विषैल प्रभाव को ख़त्म करने के लिए दी जाने वाली दवा
दोस्तों के बिना कोई नहीं जीना चाहता है, भले से उसके पास अन्य सभी चीज़े हो
हम वो है जो हम बार बार करते है। उत्कृष्टता कोई तरीका नहीं बल्कि आदत है
शिक्षित और अशिक्षित में उतना ही फर्क है जितना की ज़िन्दगी और मौत में
साहस सभी मानवीय गुणों में प्रथम है क्योंकि यह वो गुण है जो आप में अन्य गुणों को विकसित करता है
वो जो एकांत में खुश रहता है या तो एक जानवर होता है या फिर भगवान
आत्मा कभी भी मानसिक चित्र के बिना नहीं सोचती है
बुद्धिमान आदमी बोलता है क्योंकि उसके पास कहने के लिए कुछ होता है जबकि मुर्ख आदमी बोलता है क्योंकि उसे कुछ कहना होता है
महान दार्शनिक अरस्तु के प्रसिद्द अनमोल विचार
आलोचना से बचने का एक ही तरीका है : कुछ मत करो, कुछ मत कहो और कुछ मत बनों
सभी भुगतान युक्त नौकरियां दिमाग को अवशोषित और अयोग्य बनाती हैं
जितना ज्यादा आप जानोगे, उतना ज्यादा आप यह जानोगे की आप कुछ भी नहीं जानते
मनुष्य के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों से होते हैं: मौका, प्रकृति, मजबूरी, आदत, कारण, जुनून, इच्छा
बिना दिल को शिक्षित किए दिमाग को शिक्षित करना, वास्तव में शिक्षा नहीं है
दुर्भाग्य से उन लोगों का पता चलता है जो वास्तव में आपके मित्र नहीं है
युवा आसानी से धोखा खाते है क्योंकि वो शीघ्रता से उम्मीद लगाते है
वो जो बच्चों को शिक्षित करते हो वो उन्हें पैदा करने वालो से ज्यादा सम्मानीय है क्योकि वो उन्हें केवल ज़िन्दगी देते है जबकि वो उन्हें सही तरीके से ज़िन्दगी जीने की कला सीखाते है।
Quotes of Aristotle in Hindi
एक अच्छा इंसान और एक अच्छा नागरिक बनना एक बात नहीं है
एक मात्र स्थिर अवस्था वो है जिसमे सभी इंसान कानून के समक्ष बराबर है
मनुष्य अपनी सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है
युद्ध जितना पर्याप्त नहीं है, शांति कायम करना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।
पैसों के लिए की जाने वाली सभी नौकरियां हमारे दिमाग का अवशोषण और अवमूल्यन कर देती है।
अच्छा लिखने के लिए खुद को एक आम इंसान की तरह व्यक्त करो, लेकिन सोचो एक बुद्धिमान आदमी की तरह
बिना पागलपन के स्पर्श के किसी भी महान दिमाग का अस्तित्व नहीं होता है
संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार
अरस्तु के महान विचार
हमारे जीवन के गहनतम अंधकार के वक़्त हमें अपना ध्यान रोशनी देखने पर केंद्रित करना चाहिए
सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है, हम बिना दर्द के नहीं सीख सकते है
उत्कृष्टता वो कला है जो प्रशिक्षण और आदत से आती है। हम इस लिए सही कार्य नहीं करते कि हमारे अन्दर अच्छाई या उत्कृष्टता है, बल्कि वो हमारे अन्दर इसलिए हैं क्योंकि हमने सही कार्य किया है। हम वो हैं जो हम बार बार करते हैं, इसलिए उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं बल्कि एक आदत है
चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं।
शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे
बुद्धिमान का उद्देश्य ख़ुशी को सुरक्षित रखना नहीं होता है बल्कि दुःख को दूर रखना होता है
न तो हमें कायर होना चाहिए न ही अविवेकी बल्कि हमें साहसी होना चाहिए।
कोई भी क्रोधित हो सकता है- यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति से सही सीमा में सही समय पर और सही उद्देश्य के साथ सही तरीके से क्रोधित होना सभी के बस कि बात नहीं है और यह आसान नहीं है
Arastu Ke Vichar
किसी मनुष्य का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति
जो एक अच्छा अनुयायी नहीं बन सकता वो एक अच्छा लीडर भी नहीं बन सकता
अपने दुश्मनों पर विजय पाने वाले की तुलना में मैं उसे शूरवीर मानता हूं जिसने अपनी इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है; क्योंकि सबसे कठिन विजय अपने आप पर विजय होती है
दोस्त बनना एक जल्दी का काम है लेकिन दोस्ती एक धीमी गति से पकने वाला फल है
लोकतंत्र तब है जब किसी अमीर की जगह कोई गरीब देश का शासक हो
आदमी एक लक्ष्यों की मांग करने वाला प्राणी है उसकी ज़िन्दगी का तभी अर्थ है जब वो अपने लक्ष्यों के लिए प्रयास करता रहे और उन्हें प्राप्त करता रहे
सभी लोगों में सही का अनुसरण करने का साहस होना चाहिए न की जो स्थापित है उसका
मित्र का सम्मान करो, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करो, और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता करो
