मशहूर सोशल वर्कर कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी 1954 में मध्यप्रदेश में हुआ था इन्होने छोटे बच्चो को चाइल्ड लेबर तथा ट्रैफिकिंग globalisation development and child rights से रोकने के कई प्रयत्न करे जिसकी वजह से साल २०१४ में उन्हें भारत सरकार द्वारा नोबेल प्राइज का पुरूस्कार दिया गया | इसीलिए हम आपको कैलाश सत्यार्थी के विचारो के बारे में बताते है जिसके लिए हम आपको उनके द्वारा कहे गए कुछ बेहतरीन कोट्स, विचार व कटहनो के बारे में बताते है जिसे आप अपने दोस्तों को सेंड कर सकते है |
Quotes of Kailash Satyarthi in Hindi
वो किसके बच्चे हैं जो फुटबाल सिलते हैं, फिर भी कभी फुटबाल से खेला नहीं? वे हमारे बच्चे हैं। वे किसके बच्चे हैं जो पत्थरों और खनिजों की खान में काम करते हैं? वे हमारे बच्चे हैं। वे किसके बच्चे हैं जो कोको की पैदावार करते हैं, फिर भी चॉकलेट का टेस्ट नहीं जानते? वे सभी हमारे बच्चे हैं।
बीस साल पहले हिमालय की तलहटी में, मेरी मुलाकात एक पतले-दुबले लड़के से हुई. उसने मुझसे पूछा, “क्या दुनिया इतनी गरीब है कि मुझे कोई औजार या बन्दूक उठाने पर मजबूर करने की बजाये एक खिलौना और एक किताब नहीं दे सकती?
मेरे प्यारे बहनों और भाइयों, क्या मैं आपसे एक क्षण के लिए अपनी आँखें बंद करने और अपना हाथ अपने दिल के करीब रखने को कह सकता हूँ? क्या आप अपने अन्दर के बच्चे को महसूस कर सकते हैं? अब, इस बच्चे को सुनिए। मुझे यकीन है आप सुन सकते हैं!
अगर आप इन परिस्थितियों में गुलाम बच्चों द्वारा बनायीं गयी चीजें खरीदते रहेंगे तो आप गुलामी के स्थायीकरण के लिए बराबर के जिम्मेदार होंगे।
भारत सौ से भी अधिक समस्याओं वाला देश हो सकता है, लेकिन ये बिलियन सोलुशंस वाला देश भी है।
हर एक मिनट मायने रखता है, हर एक बच्चा मायने रखता है, हर एक बचपन मायने रखता है।
कैलास सत्यार्थी के अनमोल वचन
मैं शोषण से शिक्षा की ओर, और गरीबी से साझा समृद्धि की ओर प्रगति करने के लिए कहता हूँ, एक ऐसी प्रगति जो गुलामी से आज़ादी की ओर हो, एक ऐसी प्रगति जो हिंसा से शांति की ओर हो।
गरीबी, बाल श्रम और अशिक्षा के बीच एक त्रिकोणीय सम्बन्ध है जिनमे कारण और परिणाम का नाता है। हमें इस दुष्चक्र को तोडना होगा।
मैं सकारात्मक हूँ कि मैं अपने जीवनकाल में बाल-श्रम का अंत देख सकता हूँ, क्योंकि अब गरीब से गरीब व्यक्ति भी महसूस कर रहा है कि शिक्षा वो साधन है जो उन्हें सशक्त बना सकता है।
मैं ये मानने से इनकार करता हूँ कि गुलामी की बेड़ियाँ कभी भी आज़ादी की खोज से मजबूत हो सकती हैं।
चलिए अन्धकार से प्रकाश की ओर बढें। चलिए मृत्यु से देवत्व की ओर बढें। चलिए हम आगे बढें।
मैं ऐसी दुनिया का ख्वाब देखता हूँ जहाँ बाल श्रम ना हो, एक ऐसी दुनिया जिसमे हर बच्चा स्कूल जाता हो। एक दुनिया जहाँ हर बच्चे को उसका अधिकार मिले।
कैलाश सत्यार्थी के प्रेरणादायक विचार
हर बार जब मैं एक बच्चे को मुक्त कराता हूँ, मुझे लगता है ये भगवान के कुछ करीब है।
मैं पूरी ताकत से इस बात की वकालत करता आया हूँ कि गरीबी को बाल मजदूरी जारी रखने का बहाना नहीं बनाना चाहिए। इससे गरीबी बढती है। अगर बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जाता है तो वे गरीब रह जाते हैं।
चलिए, हम हमारे बच्चों के प्रति करुणा के माध्यम से दुनिया को एकजुट करते हैं।
आर्थिक विकास और मानव विकास साथ-साथ होना चाहिए। मानवीय मूल्यों की वकालत करने की सख्त ज़रूरत है।
बचपन का मतलब है सादगी। दुनिया को बच्चों की नज़र से देखो- ये बहुत खूबसूरत है।
अगर अभी नहीं, तो कब? अगर तुम नहीं, तो कौन? अगर हम इन मौलिक सवाओं का उत्तर दे सकें, तो शायद हम ह्यूमन स्लेवरी का दाग मिटा सकें।
Best Quotes By Kailash Satyarthi In Hindi
मेरे लिए, शांति हर बच्चे का मौलिक मानवाधिकार है; ये अनिवार्य और दिव्य है।
चाइल्ड स्लेवरी के खिलाफ हमारी लड़ाई, पारम्परिक मानसिकता, पालिसी डेफिसिट, जवाबदेही की कमी और दुनिया भर के बच्चों के लिए तत्काल कुछ ना करने के खिलाफ लडाई है।
दोस्तों, सबसे बड़ा संकट जो आज मानवता के दरवाजे पर दस्तक दे रहा हैम वो है असहिष्णुता।
मैं ये मानने से इनकार करता हूँ कि दुनिया इतनी गरीब है, जबकि सेनाओं पर होने वाला सिर्फ एक हफ्ते का वैश्विक खर्च हमारे सभी बच्चों को क्लासरूम में ला सकता है।
बतौर एंटी-स्लेवरी- कम्युनिटी, हमें ये ज़रुर सुनिश्चित करना चाहिए कि ये अटेंशन ठोस एक्शन और रिजल्ट्स में बदले।
मैं कभी मंदिर नहीं जाता, लेकिन जब मैं किसी बच्चे को देखता हूँ, तो मैं उसमे भगवान् देखता हूँ।
कैलाश सत्यार्थी के विचार
मैं हजारों महात्मा गाँधी, मार्टिन लूथर किंग, और नेल्सन मंडेलाओं को आगे बढ़ते और हमें बुलाते हुए देखता हूँ। लड़के और लड़कियों शामिल हो गए हैं। मैं शामिल हो गया हूँ। हम आपको भी शामिल होने के लिए कहते हैं।
इस आधुनिक युग में पीड़ित लाखों बच्चों की दुर्दशा समझने के लिए मैं नोबल कमिटी का शुक्रगुज़ार हूँ।
मैं सचमुच बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ, लेकिन अगर मुझसे पहले ये पुरस्कार महात्मा गाँधी को जाता तो मैं और भी सम्मानित महसूस करता।
बच्चों को सपने देखने से वंचित करने से बढ़कर कोई अपराध नहीं है।
मेरे जीवन का एकमात्र लक्ष्य है कि हर बच्चा:
बच्चा होने के लिए आज़ाद हो,
आगे बढ़ने और विकास करने के लिए आज़ाद हो,
खाने, सोने, और दिन की रौशनी देखने के लिए आज़ाद हो,
हंसने और रोने के लिए आज़ाद हो,
खेलने के लिए आज़ाद हो,
दीखने, स्कूल जाने और सबसे बढ़कर सपने देखने के लिए आज़ाद हो।
चाइल्ड स्लेवरी मानवता के खिलाफ एक अपराध है। मानवता खुद यहां दांव पर है। अभी बहुत काम किया जाना बाकी है, लेकिन मैं अपने जीवनकाल में बाल श्रम का अंत देखूंगा।
