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गणतंत्र दिवस पर भाषण 2022 | Speech in Hindi

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Long Bhashan

गणतंत्र दिवस 2020 पर भाषण -1

हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है| इसके लिए सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, पुस्तकालयों एवं अन्य जगह पर सांस्कृतिक आयोजन , भाषण प्रतियोगिता (speech ) का आयोजन किया जाता है| यहाँ पर भाषण का एक नमूना दिया जा रहा है| जिसे यादकर छात्र अपना स्पीच दे सकते हैं|
पूज्य गुरुजनो, सहपाठियो और आगंतुक सज्जनो! ( संबोधन को अपने भाषण और स्कूल के अनुरूप change कर सकते हैं) आज मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मैं आपके समक्ष गणतंत्र दिवस पर कुछ बोलने आया/ आई हूँ| (आवश्यकतानुसार लिंग में परिवर्तन कर ले)

जो भरा नहीं है भावो से
बहती जिसमे रसधार नहीं
वह ह्रदय नहीं है पत्थर है
जिसमे स्वदेश से प्यार नहीं|
आजादी किसे नहीं अच्छी लगती, चाहे सोने के पिंजरे में बंद पक्षी हो या रस्सी से बंधा जानवर| फिर मनुष्य की तो बात ही कुछ और है| माँ भारती अंग्रेजों के गुलामी की जंजीर में जकड़ी छटपटा रही थी, अपने बेटों को पुकार रही थी|
26 जनवरी 1930 को रावी के तट पर देशभक्तों ने कसम खाई कि

जबतक रहे फड़कती नस एक भी बदन में
हो रक्त बूँद भर भी जबतक हमारे तन में
छीने ने कोई हमसे प्यारा वतन हमारा
छूटे स्वदेश की ही सेवा में तन हमारा

कितने ही बलिदानों के बाद हमारा देश आजाद हुआ| मैं उन शहीदों को याद करना चाहता हूँ कि

नमन उन्हें मेरा शत बार
सुख रही थी बोटी बोटी
मिलती नहीं घास की रोटी
गढ़ते है इतिहास देश का
सह कर कठिन क्षुधा की मार
नमन उन्हें मेरा शत बार

उसी 26 जनवरी की याद में 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागु हुआ| आज आजादी के इतने बर्षो बाद भी क्या हम अपने संविधान के लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएं हैं| गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महिलओं पर अत्याचार, आदि अनेक समस्याएँ हमारे सामने मुंह बाये खड़ी है| साथ ही आतंकवाद हमारे तिरंगे की शान को चुनौती दे रहा है| आइए इस पावन दिवस पर हम सब शपथ लेते हैं कि

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
इसकी शान न जाने पाए
चाहे जान भले ही जाए|
इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ|

गणतंत्र दिवस शानदार भाषण – 2

सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम अनन्त श्रीवास्तव है और मैं कक्षा 6 में पढ़ता हूं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अपने राष्ट्र के बेहद खास अवसर पर हम सभी यहाँ इकट्ठा हुये हैं जिसे गणतंत्र दिवस कहते हैं। मैं आप सबके सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण पढ़ना चाहता हूं। सबसे पहले मैं अपने क्लास टीचर का धन्यवाद देना चाहूंगा जिनकी वजह से मुझे अपने स्कूल के इस मंच पर गणतंत्र दिवस के इस महान अवसर पर मेरे प्यारे देश के बारे में कुछ कहने का सुनहरा मौका प्राप्त हुआ।

15 अगस्त 1947 से ही भारत एक स्व-शासित देश है। 1947 में 15 अगस्त को ब्रिटिश शासन से भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं। हालांकि, 1950 से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ, इसलिये हम इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं। इस वर्ष 2020 में, हम भारत का 71वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं।

गणतंत्र का अर्थ है देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिये राजनीतिक नेता के रुप में अपने प्रतिनीधि चुनने के लिये केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिये, भारत एक गणतंत्र देश है जहाँ जनता अपना नेता प्रधानमंत्री के रुप में चुनती है। भारत में “पूर्ण स्वराज” के लिये हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी जिससे उनके आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और वो देश को आगे लेकर जाएँ।

हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। भारत को एक आजाद देश बनाने के लिये इन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ़ लगातार लड़ाई की। अपने देश के लिये हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुये सलामी देनी चाहिये। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।

हमारे पहले भारतीय राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे जिन्होंने कहा था कि, “एक संविधान और एक संघ के क्षेत्राधिकार के तहत हमने इस विशाल भूमि के संपूर्ण भाग को एक साथ प्राप्त किया है जो यहाँ रहने वाले 320 करोड़ पुरुष और महिलाओं से ज़्यादा के लोक-कल्याण के लिये जिम्मेदारी लेता है”। कितने शर्म से ये कहना पड़ रहा है कि हम अभी भी अपने देश में अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा (आतंकवाद, बलात्कार, चोरी, दंगे, हड़ताल आदि के रुप में) से लड़ रहें हैं। फिर से, ऐसी गुलामी से देश को बचाने के लिये सभी को एक-साथ होने की ज़रुरत है क्योंकि ये विकास और प्रगति के इसके मुख्य धारा में जाने से अपने देश को पीछे खींच रहा है। आगे बढ़कर इन्हें सुलझाने के लिये हमें अपने सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिये।

डॉ अब्दुल कलाम ने कहा है कि “अगर एक देश भ्रष्ट्राचार मुक्त होता है और सुंदर मस्तिष्क का एक राष्ट्र बनता है, मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि तीन प्रधान सदस्य हैं जो अंतर पैदा कर सकते हैं। वो पिता, माता और एक गुरु हैं”। भारत के एक नागरिक के रुप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिये और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिये सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिये।

धन्यवाद

अध्यापक द्वारा 26 जनवरी पर दिया गया भाषण -3

आज हम सभी यहां बेहद खास अवसर पर 70वां गणतंत्र दिवस मनाने इकट्ठा हुए हैं। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि गौरव और सम्मान है। यह दिवस हर भारतीय का अभिमान है, अनगिनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत मां को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, लेकिन उसे स्वतंत्रता का आकार 26 जनवरी 1950 को मिला, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।

भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। हमारे संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हॉल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
‘गणतंत्र’ का अर्थ है- देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति और सही दिशा में देश के नेतृत्व के लिए राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए केवल जनता के पास अधिकार है। इसलिए भारत एक गणतंत्र देश है, जहां आम जनता अपना नेता, प्रधानमंत्री के रूप में चुनती है। भारत में ‘पूर्ण स्वराज’ के लिए हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें।

हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। भारत को एक आजाद देश बनाने के लिए इन लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ी। अपने देश के लिए हम इनके समर्पण को कभी नहीं भूल सकते हैं। हमें ऐसे महान अवसरों पर इन्हें याद करते हुए सलामी देनी चाहिए। केवल इन लोगों की वजह से ये मुमकिन हुआ कि हम अपने दिमाग से सोच सकते हैं और बिना किसी दबाव के अपने राष्ट्र में मुक्त होकर रह सकते हैं।

डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा है कि अगर एक देश भ्रष्टाचार मुक्त होता है तो सुंदर मस्तिष्क का एक राष्ट्र बनता है। उनका मानना था कि 3 प्रधान सदस्य हैं, जो अंतर पैदा कर सकते हैं। वे हैं- माता, पिता और एक गुरु। भारत के एक नागरिक के रूप में हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करना चाहिए। हमें जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा सामाजिक मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वॉर्मिंग, असमानता आदि से अवगत रहना चाहिए और अपने स्तर पर योगदान देना चाहिए।

गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है। फिर राष्ट्रगान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है। 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए ‘राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार’ शुरू किया था। बहादुरी पुरस्कार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए दिया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।

और अंत में…

धन्यवाद, जय हिन्द…!

गणतंत्र दिवस भाषण – 4

मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, मेरे शिक्षकगण, मेरे वरिष्ठ और सहपाठीयों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। चलिये मैं आप सबको इस खास अवसर के बारे में कुछ जानकारी देता हूं। आज हम सभी अपने राष्ट्र का 71वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं। 1947 में भारत की आजादी के ढाई साल बाद इसको मनाने की शुरुआत सन् 1950 से हुई। हम इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद, भारत एक स्व-शासित देश नहीं था आर्थात् एक संप्रभु राज्य नहीं था। भारत एक स्व-शासित देश बना जब 1950 में इसका संविधान लागू हुआ।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसका यहाँ पर शासन करने के लिये कोई राजा या रानी नहीं है हालांकि यहाँ की जनता यहाँ की शासक है। इस देश में रहने वाले हरेक नागरिक के पास बराबर का अधिकार है, बिना हमारे वोट के कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिये हमें अपना सबसे अच्छा प्रधानमंत्री या कोई भी दूसरा नेता चुनने का ह़क है। हमारे नेता को अपने देश के पक्ष में सोचने के लिये पर्याप्त दक्षता होनी चाहिये। देश के सभी राज्यों, गाँवों और शहरों के बारे में उसको एक बराबर सोचना चाहिये जिससे नस्ल, धर्म, गरीब, अमीर, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, अशिक्षा आदि के बिना किसी भेदभाव के भारत एक अच्छा विकसित देश बन सकता है।

देश के पक्ष में हमारे नेताओं को प्रभुत्वशाली प्रकृति का होना चाहिये जिससे हर अधिकारी सभी नियमों और नियंत्रकों को सही तरीके से अनुसरण कर सकें। इस देश को एक भष्ट्राचार मुक्त देश बनाने के लिये सभी अधिकारियों को भारतीय नियमों और नियामकों का अनुगमन करना चाहिये। “विविधता में एकता” के साथ केवल एक भष्टाचार मुक्त भारत ही वास्तविक और सच्चा देश होगा। हमारे नेताओं को खुद को एक खास व्यक्ति नहीं समझना चाहिये, क्योंकि वो हम लोगों में से ही एक हैं और देश को नेतृत्व देने के लिये अपनी क्षमता के अनुसार चयनित होते हैं। एक सीमित अंतराल के लिये भारत के लिये अपनी सच्ची सेवा देने के लिये हमारे द्वारा उन्हें चुना जाता है। इसलिये, उनके अहम और सत्ता और पद के बीच में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिये।

भारतीय नागरिक होने के नाते, हम भी अपने देश के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। हमें अपने आपको नियमित बनाना चाहिये, ख़बरों को पढ़ें और देश में होने वाली घटनाओं के प्रति जागरुक रहें, क्या सही और गलत हो रहा है, क्या हमारे नेता कर रहें हैं और सबसे पहले क्या हम अपने देश के लिये कर रहें हैं। पूर्व में, ब्रिटिश शासन के तहत भारत एक गुलाम देश था जिसे हमारे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के द्वारा बहुत वर्षों के संर्घषों के बाद आजादी प्राप्त हुई। इसलिये, हमें आसानी से अपने सभी बहुमूल्य बलिदानों को नहीं जाने देना चाहिये और फिर से इसे भ्रष्टाचार, अशिक्षा, असमानता और दूसरे सामाजिक भेदभाव का गुलाम नहीं बनने देना है। आज का दिन सबसे बेहतर दिन है जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये।

रीपब्लिक day भाषण 5

मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं, मेरे सीनियर और मेरे सहपाठी, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…….। मैं कक्षा….में पढ़ती/पढ़ता हूँ। अपने इस महान उत्सव गणतंत्र दिवस पर भाषण देना मेरे लिये बहुत सौभाग्य की बात है। सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुझे बोलने का मौका देने के लिये हार्दिक अभिनंदन करती/करता हूँ। मेरे प्रिय साथियों, हम आज यहाँ अपने राष्ट्र का सबसे विशेष उत्सव मनाने के लिये एकत्र हुये हैं। हम प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को एक गणतंत्र देश के रुप में घोषित होने के कारण गणतंत्र दिवस मनाते हैं।

मुझे भारत का नागरिक होने पर बहुत गर्व है। इस दिन पर, हम अपने गणतंत्र देश के लिये दिल से सम्मान प्रदर्शित करने के लिये भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराते और राष्ट्रीय गान गाते हैं। ये पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिण संस्थाओं, बैंको और भी बहुत से स्थानों पर मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 1947 से 1950 के बीच का समय परिवर्तन का समय था और किंग जार्ज प्रथम राज्य के प्रमुख वहीं लार्ड मांउटबेटेन और सी. राजगोपालचार्य जी भारत के गवर्नर बने थे।

भारत सरकार अधिनियम 1935 को भारतीय संविधान के 26 जनवरी 1950 के अस्तिस्व में आने के बाद भारत के सरकारी कागजातों के रुप में रख दिया था। 1949 में भारत के संविधान को संवैधानिक समिति द्वारा 26 नवम्बर को ग्रहण किया गया था हांलाकि इसे लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ बाद में 1950 को देश को एक पूरा तरह से स्वतंत्र गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था। 26 जनवरी को विशेष रुप से इसलिये चुना गया क्योंकि इस समान दिन पर 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता अर्थात् पूर्ण स्वराज्य घोषित किया था। 1950 में, संविधान को ग्रहण करने बाद, गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति, राजेन्द्र प्रसाद बने थे।

भारतीय सेनाओं (सभी तीनों सेनाओं द्वारा) राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) के साथ-साथ देश के राज्यों की राजधानियों में भी एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी की परेड रायसीना हिल (राष्ट्रपति भवन के पास, भारतीय राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान) से शुरु होकर और राजपथ से होते हुये पुराने इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेना के साथ, देश के राज्य भी अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को दिखाने के लिये परेड में भाग लेते हैं। इस दिन पर, हमारा देश, मुख्य अतिथि (किसी दूसरे देश के राजा, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति) को 26 जनवरी पर “अतिथि देवो भव” की परंपरा को निभाते हुये आमंत्रित करता है। भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ, भारतीय सेनाओं द्वारा सलामी लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर शहीद हुये भारतीय सैनिकों को पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि देते हैं। गणतंत्र दिवस का उत्सव 29 जनवरी तक लगातार जारी रहता है जो बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ समाप्त होता है। इस दिन पर, प्रत्येक भारतीय संविधान के लिये अपनी/अपना सम्मान प्रदर्शित करते हैं।

Short Bhashan

गणतंत्र दिवस पर भाषण 6

हमारे देश भारत में सन 26 जनवरी 1950 से इस तिथि को गणतंत्र दिवस के तौर पर मानते हैं| इसी दिन देश की संविधान का लागू हुआ था| इसी लिए इस तिथि भारत की इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है| इस साल 26 जनवरी 2019 को हम देश की 69th गणतंत्र दिवस मनायेंगे|

हमारे देश के वीर जणों जैसे की मंगल पांडे सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गाँधी आदि के बलिदान और संघर्ष के कारण आज समग्र देश आजादी की हवा का सांस ले रहा है| ये दिन हमें भारत माता की वीर पुत्रों की याद दिलाती है| हमें उन वीर नेताओं की बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए| उनकी कुर्बानी को हम दिल से सलाम करते हैं| स्कूल व कॉलेजों में गणतंत्र दिवस के दिन परेड किया जाता है|

ये बहोत ही शर्मनाक है की आज भी हम भ्रष्टाचार, लूट, मर्डर जैसे शर्मशार अपराधों से जुजते हैं| आइए आप और हम सब मिल के भारत को अपनी असली अजादि दिलाएं| आजादी देश में पनपते अपराधिओं से| आइए हम अपने आने वाले पीढ़ीओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाएं जहां कोई डर न हो|

26 जनवरी 2020 SPEECH (बोली) IN HINDI

26 जनवरी हमारे देश की एक महत्व दिन है| इस दिन को हम गणतंत्र दिवस भी कहते हैं| भारत में 26 जनवरी के दिन कोई त्यौहार से कम नहीं है| ये दिन हमें स्वराज की सिख देती है|

26 जनवरी 1950 हमारे देश की संविधान लागू हुआ था| इस दिन  हम पूर्ण स्वराज मिला था| भारत एक गणतान्त्रित देश है जहां  देशवासिओं को अपना नेता चुनने का अधिकार है| ये एक लोकतांत्रित देश है|

गणतंत्र दिवस को पुरे देश में काफी धूम धाम से मनाया जाता है| इस दिन हमें देश के कई वीर नेताओं की याद दिलाती है| इस दिन स्कूल कॉलेज में बच्चे परेड, नृत्य, देश भक्ति की गीत का गान कर, देश भक्ति के नारे गान, निबंध लेखन, स्पीच बोल कर आदि ढंग से मनाते हैं|

नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस को बोहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है| इस दिन देश की प्रधानमन्त्री समग्र देशवासियो को गणतंत्र दिवस के अभिनन्दन जनाते हैं| इस दिन सेना अधिकारियों द्वारा काफी बडी मात्रा में इंडिया गेट के सामने परेड किया जाता है| इस दिन सभी सहिदों को पूरा देश सलाम्र करता है| हमें अपने देश की सहिदों को कभी नहीं भूलना चाहिए|

इस दिन देश की सभी सरकारी बेसरकारी दफ्तरों, स्कूल कॉलेज में सरकारी अवकाश होती है| पुरे देश में लगभग हर छोटे बड़े दफ्तरों में तिरंगा लहराया जाता है| पुरे देश में एक भाईचारा की लहर देखने को मिलता है| इसी दिन टीवी इन्टरनेट आदि पर देश की इतिहास के प्रोग्राम को दिखाया जाता है ताकि देश की नई पीढ़ी भी भारत के इतिहास को जान कर गर्व कर सके|

Republic Day 2020 Speech हिंदी में

नमस्ते, आज 26 जनवरी है| आज हम सब यहाँ भारत के 69वा गणतंत्र दिवस मनाने के लिए इकत्रित हुए हैं| 26 जनवरी का दिन हमारे देश भारतवर्ष के लिए काफी महत्व दिन है| इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था| इसका ये  मतलब है की इसी दिन से भारत के नागरिकों को अपने मन पसंद के नेता चुनने का अधिकार मिला था|

इस दिन देश की प्रधान्मंत्री दिल्ली की इंडिया गेट के सामने पुरे देशवासियों को शुभकामनाएं देते हैं| देश की सेना काफी बडी मात्रा में परेड करते हैं| इसके बाद प्रधानमंत्री अमर जवांन ज्योति पर पुष्प की माला डालते हैं| शहीदों की याद में कुछ वक़्त मौन रहां जाता है|

देश की समग्र सरकारी और बेसरकारी संगठन की इस दिन अवकाश होती है| स्कूल और कॉलेज में इस दिन बच्चों द्वारा तरह तरह के कार्यक्रम किये जाते हैं|बच्चे तिरंगा लहरा कर राष्ट्र गीत की गान करते हैं| साथ ही परेड, स्पीच, नृत्य आदि की भी कार्यक्रम होते हैं|

26 जनवरी भारत के वीर शहीदों की याद दिलाता है|उनकी कुर्बानी के कारण आज हम खुली चैन ले पा रहे हैं| हम सब को अपने देश के ऊपर गर्व होना चाहिए| हमारे देश भारत दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक देश है|

जय हिन्द!!!

Gantantra Diwas Speech for Students (in Hindi)

मेरी आदरणीय प्रधानाध्यापक मैडम, मेरे आदरणीय सर और मैडम और मेरे सभी सहपाठियों को सुबह का नमस्कार। हमारे गणतंत्र दिवस पर कुछ बोलने के लिये ऐसा एक महान अवसर देने के लिये मैं आपको धन्यवाद देना चाहूंगा। मेरा नाम अनन्त श्रीवास्तव है और मैं कक्षा 6 में पढ़ता हूँ।

आज, हमारे राष्ट्र के 71वें गणतंत्र दिवस को मनाने के लिये हम सभी यहाँ पर एकत्रित हुए हैं। हम सभी के लिये ये एक महान और शुभ अवसर है। हमें एक-दूसरे को बधाई देना चाहिये और अपने राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिये भगवान से दुआ करनी चाहिये। हर वर्ष 26 जनवरी को भारत में हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। हमलोग 1950 से ही लगातार भारत का गणतंत्र दिवस मना रहें हैं क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां देश के नेतृत्व के लिये अपने नेता को चुनने के लिये जनता अधिकृत है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति थे। 1947 में ब्रिटिश शासन से जब से हमने स्वतंत्रता प्राप्त की है, हमारे देश ने बहुत विकास किया है और ताकतवर देशों में गिना जाने लगा है। विकास के साथ, कुछ कमियाँ भी खड़ी हुई हैं जैसे असमानता, गरीबी, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा आदि। अपने देश को विश्व का एक बेहतरीन देश बनाने के लिये समाज में ऐसे समस्याओं को सुलझाने के लिये हमें आज वचन लेने की जरुरत है।

जय हिन्द!

5 lines on republic day in hindi

  • 26 जनवरी 1950, पूरा भारतवर्ष हर साल इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
  • 26 जनवरी 1950 के इस खास दिन पर भारतीय संविधान ने शासकीय दस्तावेजों के रुप में भारत सरकार के 1935 के अधिनियम का स्थान ले लिया।
  • भारत सरकार द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।
  • भारत के लोग इस महान दिन को अपने तरीके से मनाते है।
  • इस दिन पर भारत के राष्ट्रपति के समक्ष नई दिल्ली के राजपथ (इंडिया गेट ) पर परेड का आयोजन होता है।
  • गणतंत्र दिवस पर बहुत से लोग उपहार खरीदते है ऑर एक दूसरे को प्रदान करते हैं । इस दिन अनलाइन ऑर्डर पर फ्री delivery भी ऑफर से आसानी से मिल जाती है।ऊपर दर्शाई गई सभी भाषण की बोली (dialect) दिल छु जाने वाली है।
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