Festival (त्यौहार)

चैत्र नवरात्रि 2022 – Chaitra Navratri Puja Vidhi In Hindi – घट स्थापना तिथि, डेट, पूजा का समय, मुहूर्त, व्रत विधि, महत्व

चैत्र नवरात्रि 2018

नवरात्री का त्यौहार हिन्दू धर्म में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है यह नौ दिन का त्यौहार होता है और इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की वंदना की जाती है | नवरात्रे एक साल में दो बार पड़ते है पहले नवरात्रे चैत्र माह में उसके बाद अश्विन माह में मनाया जाता है भारत में लगभग हर घर में इन दिनों को मनाया जाता है और घर के ज्यादातर सदस्य इन दिनों माँ शक्ति के लिए व्रत रखते है | इसीलिए हम आपको चैत्र नवरात्रि के बारे में बताते है की इन व्रत को आप किस तरह से रखेंगे ? या इस व्रत में किस तरह से पूजा करेंगे ?

चैत्र नवरात्रि कब है 2022

चैत्र के नवरात्रे चैत्र माह में ही पड़ते है इसी दिन से माता शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा आरम्भ हो जाती है इस साल यानि 2022 में नवरात्रे 2 अप्रैल से प्रारम्भ होंगे व इसकी अंतिम तिथि 10 अप्रैल होगी जिसमे की आप हर दिन में व्रत रख कर इस व्रत का फल पा सकते है |

पूजा सामग्री लिस्ट इन हिंदी

इन नौ दिन में हमें घर में कलश स्थापना भी करनी होती है कलश स्थापना करने के लिए कुछ सामग्री की आवश्यकता पड़ती है जो सामग्री हमने आपको हेल्थ नुस्खों के माध्यम से नीचे बताई है :

  • मिट्टी का पात्र, मिट्टी और जौ :- जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र और शुद्ध साफ की हुई मिट्टी जिसमे की जौ
  • को बोया जा सके
  • कलश में भरने के लिए शुद्ध जल अथवा अगर गंगाजल मिल जाये तो उत्तम होता है
  • कलश ढकने के लिए ढक्कन
  • पानी वाला नारियल और इसपर लपेटने के लिए लाल कपडा
  • मोली (Sacred Thread) लाल सूत्र
  • इत्र
  • साबुत सुपारी
  • दूर्वा
  • कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के
  • पंचरत्न
  • अशोक या आम के पत्ते
  • ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल
  • फूल माला

घट स्थापना शुभ मुहूर्त

लाइव हिन्दुस्तान के अनुसार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 7 बजकर 46 मिनट तक ही रहेगा इसी बीचे आपको घाट स्थापना करनी है |इसकी प्रतिपदा तिथि 2 अप्रैल 2022 को संध्या 06:41 बजे से प्रारम्भ तथा 10 मार्च 2022 को संध्या 06:31 बजे तक समाप्त होगी

Chaitra Navratri Puja Vidhi In Hindi

Chaitra Navratri in Hindi – पूजा विधि व व्रत विधि

इस नवरात्रो में लगातार नौ दिन माँ दुर्गा के नौ रूप की वंदना की जाती है उनके लिए व्रती को सुबह उठकर स्नान करे जिस दिन जिस देवी का दिन का उनके लिए आरती गाकर, मंत्र पढ़ कर ऊपर बताई गयी सामग्री की मदद से विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए | इसके लिए आपको किस दिन किस देवी की पूजा करनी है इसके बारे में जानने के लिए नीचे जान सकते है :

  1. शैलपुत्री – पहाड़ों की पुत्री होता है। (2 अप्रैल 2022 , रविवार)
  2. ब्रह्मचारिणी – ब्रह्मचारीणी। (03 अप्रैल 2022 , सोमवार)
  3. चंद्रघंटा – चाँद की तरह चमकने वाली। (04 अप्रैल 2022 , मंगलवार)
  4. कूष्माण्डा – पूरा जगत उनके पैर में है। (05 अप्रैल 2022 , बुधवार)
  5. स्कंदमाता – कार्तिक स्वामी की माता। (06 अप्रैल 2022 , गुरूवार)
  6. कात्यायनी – कात्यायन आश्रम में जन्मि। (07 अप्रैल 2022 , शुक्रवार )
  7. कालरात्रि – काल का नाश करने वली। (08 अप्रैल 2022 , शनिवार)
  8. महागौरी – सफेद रंग वाली मां। (09 अप्रैल 2022 , रविवार)
  9. सिद्धिदात्री – सर्व सिद्धि देने वाली। (10 अप्रैल 2022 , सोमवार)

चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है – Navratri Vrat Katha in Hindi

पुराणों के अनुसार कथा है की जब राम तथा रावण का युद्ध चल रहा था तो भगवान् राम को ब्रह्मा जी द्वारा चंडी देवी का पूजन करने को कहा गया था | उसके बाद भगवन राम ने चंडी पूजन आरम्भ कर दिया यह देख कर रावण ने लंका में चंडी पाठ का आयोजन शुरू कर दिया चंडी पथ के लिए 108 नीलकमल को लाया गया लेकिन रावण ने अपनी मायाशक्ति से राम के यज्ञ में से एक नीलकमल गायब कर दिया | यह देख कर राम को बुरा लगा और उनका संकल्प टूटने लगा था लेकिन यह तब उन्हें ज्ञात हुआ की ‘कमलनयन नवकंच लोचन’ है | तब उन्होंने तीर उतःया और अपने एक नेत्र को निकालने लगे यह देख कर तभी वहां चंडी देवी प्रकट हुआ और भगवान् राम को विजयश्री का आशीर्वाद दिया |

एक अन्य कथा के अनुसार इस दिन महिषासुर नामक एक असुर का वध करने के लिए देवी दुर्गा की रचनाओं देवताओं द्वारा की गयी थी | देवी दुर्गा की रचना होने के बाद सभी देवताओ ने अपने सभी अस्त्र शस्त्र देवी दुर्गा को दे दिया उसके बाद लगातार नौ दिन महिषासुर और देवी दुर्गा का युद्ध हुआ और अंत में देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया था |

चैत्र नवरात्रि का महत्व

इन दिनों व्रत रखने से माँ शक्ति प्रसन्न होती है और व्यक्ति के अंदर शक्ति व ऊर्जा का संचार होता है क्योकि इन दिनों माता दुर्गा के सभी रूपों की वंदना की जाती है और इन दिनों व्रत रखने से हर तरह के कार्यो में भी विजय प्राप्त हो जाती है | इस दिन का महत्व इसीलिए भी बढ़ जाता है क्योकि इस दिन से ठीक एक दिन बाद राम नवमी यानि राम जन्मोत्सव मनाया जाता है श्री राम ने माँ दुर्गा के आशीर्वाद से लंकापति रावण का वध किया था | नवरात्र के नंवे दिन ही विजयदशमी मनाई जाती है |

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