Shayari

नेताओं पर शायरी – Rajneeti Shayari in Hindi – पोलिटिकल, राजनितिक, सियासत शेरो शायरी

नेताओं पर शायरी

राजनीति शायरी इन हिंदी : जब भी भाषणों की बात होती है उस समय हमें सबसे पहले राजनीति पर ही बाते करनी पड़ती है इस देश को चलाने के लिए सरकार की बहुत आवश्यकता होती है जिसे की भारत की जनता चुनती है | इसीलिए कई बड़े-2 नेता सरकार लाने के लिए जनता के सामने कई प्रेरणादायक भाषण देते है जो की उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण होते है | उन भाषणों में वह लोग शायरियो व कविताओं का भी इस्तेमाल करते है इसीलिए हम आपको राजनीति के ऊपर कुछ बेहतरीन शायरियां बताते है जिन शायरियो को पढ़ कर आप इनके बारे में बहुत कुछ जान सकते है |

Rajneeti Shayari In Hindi Font

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युद्धों में कभी नहीं हारे , हम डरते है छलचंदो से
हर बार पराजय पाई है , अपने घर के जयचंदो से

ये तेरे मन का खोट है जो तुझे सोने नहीं देता,
मत दे दोष किसी को वक्त किसी का नहीं होता.

कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की.

वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके जो हाथ उन हाथों में तलवारें न देख.

Rajniti Shayari Hindi Me

हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे,
हमारे जागने से, नींद में उनकी खलल कैसे.

किसी को चांद चमकता नजर आता है
किसी को उसमें दाग नज़र आता है ..

हम “आह” भी करते हैं तो हो जाते हैं “बदनाम”,
वो “कत्ल” भी करते हैं तो “चर्चा” नहो होती…

तमाम उम्र हम एक दुसरे से लड़ते रहे,
मगर मरे तो बराबर में जा के लेट गये.

Rajneeti Shayari in Hindi

छात्र नेता शायरी – छात्र राजनीति पर शायरी

जहां हर दिन सिसकना है जहां हर रात गाना है !!
हमारी ज़िन्दगी भी एक तवायफ का घराना है !!

जिंदगी में समस्या तो हर दिन नई खड़ी है,
जीत जाते है वो जिनकी सोच कुछ बड़ी है.

जो धरापुत्र का वध कर दे, वह राजपुरूष नाकारा हैं,
जिस धरती पर किसान का रक्त गिरे उसका शासक हत्यारा हैं..

रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो.

भ्रष्ट नेताओं पर शायरी

सियासत को लहू पीने की लत है,
वरना मुल्क में सब खैरियत है.

दूर से देखके गर्मी में रेत को पानी समझ लिया,
कुछ अच्छे लोगों ने अहंकार में खुद को सर्वज्ञानी समझ लिया.

जो सौदागर डॉलर का हैं वो खेती को क्या आँकेगा,
धरती रोटी ना देगी तो खाने में सोना फँकेगा.

जिसकी जो नियत थी उसने वो बहाया,
किसानो ने दूध तो सरकार ने खून बहाया.

सियासत शेरो शायरी

चुनाव पर शायरी – Netagiri Shayari

कागज के इंसानो पर आग की निगरानी है,
अंधी सत्ता के हाथों मासूमो को जान गवानी है.

सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं फिर भी जी गया.

ये संगदिलो की दुनिया हैं, संभल कर चलना “ग़ालिब”
यहाँ पलको पर बिठाते हैं नजरो से गिराने के लिए..

हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं,
इसलिए भारत का ये हाल हैं, किसान बेहाल हैं. नेता माला-माल हैं..

सियासत पर शायरी – सियासत और शायरी

जहाँ सच हैं, वहाँ पर हम खड़े हैं,
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं.

न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में

इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो हैं.

आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को.

राजनितिक

सियासत शायरी इन हिंदी

सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है.

भारत पर जो हमला करते नापाकी हथियार से,
ऐसे कुत्ते लाकर टाँगो सात समंदर पार से !

दुश्मन तो खोद निकलेंगे हम सात समन्दर पार से !
लेकिन कैसे बच पायेंगे अपने घर के गद्दार से !!

मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
अच्छा नही, इतना बड़ा हो जाना.

Politics Shayari in Hindi

बारूद के इक ढेर पे बैठी दुनिया को क्या सूझ रही हैं
शोलो से हिफ़ाजत का हुनर पूछ रही हैं

अपनी अदा हैं सबसे निराली
इसलिए राजनीति से दूरी बना ली

दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं,
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं.

नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं.

पोलिटिकल

Yuva Neta Shayari

सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए.

न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.

जो मातृभूमि की जय कहते सकुचाते
मजहब को मुल्क से ऊपर बतलाते
नमक देश का खााते दुश्मन गुण गाते
ऐसे गद्दारों पे कुत्ते भी तो शरमाते.

बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये.

अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..

क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में.

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