भारत एक लोक्ततंत्र देश है जिसमे की हर व्यक्ति को इस देश का नेता चुनने का अधिकार होता है इसीलिए जब कभी चुनाव होते है तब हमें चुनावी शायरी व कविताओं की आवश्यकता होती है | इसीलिए हम आपको पॉलिटिक्स के ऊपर कुछ बेहतरीन शायरियां बताते है जिन शायरियो को आप चुनाव के समय इस्तेमाल कर सकते है | नीचे बताई गयी शायरियो को पढ़ कर आप इन्हे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते है |
Political Shayari Hindi SMS
अगर आप politics shayari hindi, politics shayari in urdu, politics shayari hindi download
politics शायरी, छात्र नेता शायरी, राजनीतिक व्यंग्य शायरी, सियासत पर शायरी, सियासत और शायरी, चुनाव शायरी, नेताओं के ऊपर शायरी, status of politics in hindi, rajniti ki shayri, political status for whatsapp in hindi, gandi rajniti shayri, rajneeti shayari in hindi font, political shayari in hindi font, yuva neta shayari के बारे में यहाँ से जान सकते है :
जो धरापुत्र का वध कर दे, वह राजपुरूष नाकारा हैं,
जिस धरती पर किसान का रक्त गिरे उसका शासक हत्यारा हैं..
सियासत को लहू पीने की लत है,
वरना मुल्क में सब खैरियत है.
दूर से देखके गर्मी में रेत को पानी समझ लिया,
कुछ अच्छे लोगों ने अहंकार में खुद को सर्वज्ञानी समझ लिया.
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनिया
इस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो.
युद्धों में कभी नहीं हारे , हम डरते है छलचंदो से
हर बार पराजय पाई है , अपने घर के जयचंदो से
Politics Ki Shayari
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की.
जो सौदागर डॉलर का हैं वो खेती को क्या आँकेगा,
धरती रोटी ना देगी तो खाने में सोना फँकेगा.
जिसकी जो नियत थी उसने वो बहाया,
किसानो ने दूध तो सरकार ने खून बहाया.
हमारी रहनुमाओ में भला इतना गुमां कैसे,
हमारे जागने से, नींद में उनकी खलल कैसे.
हम “आह” भी करते हैं तो हो जाते हैं “बदनाम”,
वो “कत्ल” भी करते हैं तो “चर्चा” नहो होती…
Punjabi Shayari Politics
जहां हर दिन सिसकना है जहां हर रात गाना है !!
हमारी ज़िन्दगी भी एक तवायफ का घराना है !!
हमने दुनिया में मुहब्बत का असर जिंदा किया हैं,
हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया हैं
मत सोचना मेरी जान से जुदा हैं तू,
हकीकत में मेरे दिल का ख़ुदा हैं तू
दुआ करों मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ,
तुम्हे भी देख सकूँ, खुद को भी संभाल सकूँ
कि जब इन नफ़रतों में ख़ुद तुम्हारा दम लगे घुटने,
तो आ जाना हमारी महफ़िलो में ज़िन्दगी जीने.
Politics Two Line Shayari
अगर आप राजनीति पर बेहतरीन शायरी politics shayari wallpaper, politics shayari funny, politics shayari marathi, politics shayaris, politics shayari hindi, political shayari in urdu, politics shayari in urdu, politics shayari hindi download, political shayari in punjabi, politics shayari funny political shayari in english, politics shayari wallpaper, politics shayari marathi, political shayari image, politics शायरी, छात्र राजनीति पर शायरी, नेता शायरी के बारे में यहाँ से जान सकते है :
हल्दीघाटी का युद्ध याद अकबर को जब आ जाता था,
कहते हैं अकबर महलो में सोते-सोते जग जाता था
जिंदगी में समस्या तो हर दिन नई खड़ी है,
जीत जाते है वो जिनकी सोच कुछ बड़ी है.
कागज के इंसानो पर आग की निगरानी है,
अंधी सत्ता के हाथों मासूमो को जान गवानी है.
सवाल जहर का नहीं था, वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं फिर भी जी गया.
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती हैं,
नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो हैं.
Politics Sher O Shayari – Political Sher O Shayari in Hindi
आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को
नींद कैसे आ रही हैं देश के प्रधान को.
तमाम उम्र हम एक दुसरे से लड़ते रहे,
मगर मरे तो बराबर में जा के लेट गये.
किसी को चांद चमकता नजर आता है
किसी को उसमें दाग नज़र आता है ..
बारूद के इक ढेर पे बैठी दुनिया को क्या सूझ रही हैं
शोलो से हिफ़ाजत का हुनर पूछ रही हैं
अपनी अदा हैं सबसे निराली
इसलिए राजनीति से दूरी बना ली
Indian Politics Shayari in Hindi
वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे,
कट चुके जो हाथ उन हाथों में तलवारें न देख.
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है,
पहले आँखे छीन लेती है फिर चश्में दान करती है.
भारत पर जो हमला करते नापाकी हथियार से,
ऐसे कुत्ते लाकर टाँगो सात समंदर पार से !
ये तेरे मन का खोट है जो तुझे सोने नहीं देता,
मत दे दोष किसी को वक्त किसी का नहीं होता.
ये संगदिलो की दुनिया हैं, संभल कर चलना “ग़ालिब”
यहाँ पलको पर बिठाते हैं नजरो से गिराने के लिए..
Politics Image Shayari
जहाँ सच हैं, वहाँ पर हम खड़े हैं,
इसी खातिर आँखों में गड़े हैं.
न समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालो
तुम्हारी दास्ताँ तक भी न होगी दास्तानों में
दुश्मन तो खोद निकलेंगे हम सात समन्दर पार से !
लेकिन कैसे बच पायेंगे अपने घर के गद्दार से !!
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
अच्छा नही, इतना बड़ा हो जाना.
हर कोई यहाँ किसी न किसी पार्टी के विचारो का गुलाम हैं,
इसलिए भारत का ये हाल हैं, किसान बेहाल हैं. नेता माला-माल हैं..
Politics Shayari in Hindi Font
ख़्वाब टूटे है मगर हौसले अभी ज़िंदा है
मैं वो शक्स हूँ जिससे मुश्किलें भी शर्मिंदा है !
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था,
उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था
हाँ देख ज़रा क्या तेरे क़दमों के तले है,
ठोकर भी वो खाए है,जो इतरा के चले है
लगता था ज़िन्दगी को बदलने में वक़्त लगेगा. . .
पर क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा
गीता हूँ मैं, कुरआन हूँ मैं,
मुझको पढ़ इंसान हूँ मैं
Pakistan Politics Shayari
खूब करो साहिब, कोशिश हमें मिट्टी में दबाने की,
..शायद आपको नहीं मालूम, कि ‘‘हम बीज हैं”
आदत है हमारी बार-बार उग जाने की.
दोस्ती हो या दुश्मनी सलामी दूर से अच्छी लगती हैं,
राजनीति में कोई नही सगा, ये बात सच्ची लगती हैं.
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता हैं,
मैं अन्धा हूँ साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता हैं.
अब कोई और न धोखा देगा,
इतनी उम्मीद तो वापस कर दे.
हम से हर ख़्वाब छीनने वाले,
हमारी नींद तो वापस कर दे..
ये जो हालत हैं ये सब तो सुधर जायेंगे,
पर कई लोग निगाहों से उतर जायेंगे…
पॉलिटिक्स शायरी इन हिंदी
क्या खोया, क्या पाया जग में,
मिलते और बिछुड़ते मग में,
मुझे किसी से नही शिकायत
यद्यपि छला गया पग-पग में.
सियासत की रंगत में ना डूबो इतना,
कि वीरों की शहादत भी नजर ना आए,
जरा सा याद कर लो अपने वायदे जुबान को,
गर तुम्हे अपनी जुबां का कहा याद आए.
जो मातृभूमि की जय कहते सकुचाते
मजहब को मुल्क से ऊपर बतलाते
नमक देश का खााते दुश्मन गुण गाते
ऐसे गद्दारों पे कुत्ते भी तो शरमाते.
बन सहारा बे-सहारो के लिये,
बन किनारा बे-किनारो के लिये,
जो जीये अपने लिये तो क्या जीये,
जी सके तो जी हज़ारो के लिये.
न मस्जिद को जानते हैं,
न शिवालो को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं,
वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
Politics Sher Shayari
मैं अपनी आँख पर चशमाँ चढ़ा कर देखता हूँ
हुनर ज़ितना हैं सारा आजमा कर देखता हूँ
नजर उतना ही आता हैं की ज़ितना वो दिखाता है
मैं छोटा हू मगर हर बार कद अपना बढ़ा कर देखता हूँ
मुझको ताजीम की सीख देने वाले,
मैंने तेरे मुँह में कई जुबान देखा है,
और तू इतना दिखावा भी ना कर अपनी झूठी ईमानदारी का
मैंने कुछ कहने से पहले अपने गिरेबां में देखा है.
लड़ें, झगड़ें, भिड़ें, काटें, कटें, शमशीर हो जाएँ,
बटें, बाँटें, चुभे इक दुसरे को, तीर हो जाएँ,
मुसलसल कत्ल-ओ-गारत की नई तस्वीर हो जाएँ,
सियासत चाहती हैं हम और तुम कश्मीर हो जाएँ
