Poem (कविता)

महावीर जयंती पर कविता – Poem on Mahavir jayanti in Hindi

महावीर जयंती पर कविता

महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24 वे तीर्थकर थे उन्होंने लोगो को सत्य व अहिंसा के रास्ते पर चलना सिखाया आज उन्ही के द्वारा बताये गए गुणों की वजह से जैन धर्म को पुरे विश्व में जाना जाता है | जैन धर्म के लोग भगवान महावीर के जन्मदिवस को ही जैन धर्म के त्यौहार के रूप में मनाते है साल 2018 में महावीर जयंती २९ मार्च के दिन मनाई जाएगी और जैन धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़े ही आस्था व धूमधाम के साथ मानते है इसीलिए हम आपको महावीर जयंती के ऊपर लिखी गयी कुछ बेहतरीन कविताओं के बारे में बताते है जो की आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है |

Hindi Poems on Mahavir Jayanti

एक जीवन
एक जानवर/ एक इन्सान
जानवर / निरीह, मूक, व असहाय ।
काटा,चमड़ा उतारा
लटका दिया दुकानदार ने
इन्सानो के बाजार मे
इन्सानी भूख के लिए ॥
इन्सान / विश्व शांति, विश्वबंधुत्व
अहिंसा प्रेम ,करूणा
संवेदनाओं का अथाह सागर
आह!सागर
सागर / गागर
गागर/सागर ॥
एक हत्या एक जानवर/ एक इन्सान
बहता खून, तड़फडाता शरीर
खून की लाली और
कटने का दर्द
दोनो एक है ,मगर
एक के लिए है आंसू
दूसरे के लिए है
एक क्रूर मुस्कान ॥
एक हत्या एक जानवर/ एक इन्सान
इन्सान हाय कलेजा /
कितना पत्थर,कठोर,निर्मम
आलोचनाएं, भत्सर्नाएंऔर सजाएं
जानवर हाय कलेजा/
कितना लजीज,स्वादिट और उम्दा
कृपादृटि,प्रशंसा,और पुरूस्कार ॥
इन्सान/जिसका खाया,
उससे किया दगा
जानवर/जिसका खाया,या न भी खाया
उसके लिए दे दिया सर्वस्व ॥
जानवर तो पशु है
पशु / हिंसा ,वहशीपना,असहिएाुता
पशु/ न तरतीब,न तहजीब न तमीज
पशु/न भूत, न वर्तमान,न भविय
पशु/न इतिहास,न सभ्यता, न संस्कृति
पशु/कुछ भी नहीं/सब कुछ
सभी कुछ ।
इन्सान/ सब कुछ/सभी कुछ
परन्तु कुछ भी नहीं
ओछा,कृतघन व नंगा ॥

महावीर जयंती कविता

अगर आप महावीर जयंती के उपलक्ष्य में भगवान महावीर जयंती की कविता या महावीर जयंती पर निबंध, mahavir jayanti celebration song, भगवान महावीर के अनमोल वचन या भगवान महावीर के सिद्धांत के बारे में हर साल जैसे 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 या हर भाषा Hindi, English, Punjabi, Nepali, Gujarati, Tamil, Telugu के Language Font में जानना चाहे तो यहाँ से जान सकते है :

युग की है यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार
जियो और जीने दो, गूँजे
हर घर, मंदिर, हर द्वार
युग की है यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार
सत्य, अहिंसा धर्म हो
मिट जाए अत्याचार
युग की यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार
हे वीर ,अतिवीर,सन्मति
हे महावीर, हे वर्धमान
प्राणियों की सुनो पुकार
कर दो सबका कल्याण
गाय और सिंह एक घाट
फिर साथ पिएँ पानी
दिगंबर श्वेतांबर भेद मिटा
जैन उर धरें माँ जिनवाणी
युग की है यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार
महावीर के उपदेशों पर
चले सारा संसार
युग की है यही पुकार,
फिर हो महावीर अवतार

Poem on Mahavir jayanti in Hindi

Mahavir Jayanti Kavita In Hindi

“जियो और जीने दो”
कथन से विश्व विख्यात्
क्रांतिकारी महापुरुष श्री महावीर जयंती पर
करें हम स्मरण उनके जीवन का
करें आचरण उनके विचारों का
साधना, तपस्या और अहिंसा के बल पर
सत्य का किया साक्षात्कार भगवान महावीर ने
करें हम सब इसका प्रचार-प्रसार
मानवता के दीप जले हमेशा प्रज्ज्वल
आज जब हिंसा का तांडव नृत्य सर्वत्र व्याप्त है,
क्यों ने करें हम सबको सचेत
“जियो और जीने दो” – महामंत्र को अपनाएं
हिंसा को छोड़ अहिंसा को अपनाएँ
विश्व जन समुदाय को सचेत करें हम-
“जो विश्व को जीता
वह सिकंदर
जो खुद को जीता
वह मस्त खलंदर ।“
महावीर के संदेश को करें हम आत्मसात ।
बने हम आत्म-संयमी
जग में पनपे ममता-मानवता ।

Poem on Lord Mahavir in Hindi

आओ बच्चो मिलकर आओ
आज तुम्हें कुछ बातें बताऊँ
महावीर के जन्मदिवस पर
उनके कुछ उपदेश सुनाऊँ
कभी किसी से झूठ न बोलो
सच्च के लिए अपना मुँह खोलो
जब भी कभी बोलना चाहो
तो पहले शब्दों को तोलो
रखो सदा ही सच्च को साथ
चाहे दिन हो चाहे रात
किसी की कभी न करो बुराई
मीठी वाणी मे सबकी भलाई
कभी कोई गलती कर जाओ
तो माफी से मुक्ति पाओ
माफी माँगना या फिर करना
नहीं कभी कोई इससे डरना
रखो सबसे मैत्री भाव
छोड़ो सबपे यह प्रभाव
क्षमा से बडा न कोई उपहार
होते इससे उच्च विचार
कभी न हिंसा किसी पे करना
सबसे ही मिलजुल कर रहना
सबमें एक ही जैसी जान
नहीं करना किसी का अपमान
छोड़ो सारे वैर-विरोध
कभी न मन में लाना क्रोध
बच्चो यह सब बातें समझना
अच्छाई के मार्ग पर चलना
महावीर के शुभ वचनों का
जीवन में सब पालन करना

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