essay on ram navami in hindi – रामनवमी का पर्व हिन्दू धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है प्रभु श्री राम का जन्म चैत्र मास की नवमी के दिन मनाया जाता है और इसीलिए हर चैत्र मास की नवमी को ही रामनवमी मनायी जाती है | साल 2020 में रामनवमी का त्यौहार 25 मार्च को मनाया जायेगा इसके लिए कई स्कूल व कॉलेजों में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के बच्चो को निबंध अथवा एस्से पढ़ाया जाता है जिसके लिए कई लोग इंटरनेट पर रामनवमी के ऊपर निबंध सर्च करते है अगर आप रामनवमी का निबंध जानना चाहते है तो इसके लिए जानकारी यहाँ से जान सकते है |
Ram Navami Essay in Hindi
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हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को रामजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम जी के जन्म पर्व के कारण ही इस तिथि को रामनवमी कहा जाता है।
भगवान राम को विष्णु का अवतार माना जाता है। धरती पर असुरों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में श्रीराम के रूप में मानव अवतार लिया था। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विपरीत परिस्थियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा में रहते हुए जीवन व्यतीत किया। इसलिए उन्हें उत्तम पुरुष का स्थान दिया गया है।
इस दिन विशेष रूप से भगवान राम की पूजा अर्चना और कई तरह के आयोजन कर उनके जन्म के पर्व को मनाते हैं। वैसे तो पूरे भारत में भगवान राम का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन खास तौर से श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस पर्व को बेहद हर्षोल्ललास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के समय अयोध्या में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगणों के अलावा साधु-संन्यासी भी पहुंचते हैं और रामजन्म का उत्सव मनाते हैं |
रामनवमी के दिन आम तौर पर हिन्दू परिवारों में व्रत-उपवास, पूजा पाठ व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। राम जी के जन्म के समय पर उनके जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है और खुशियों के साथ उनका स्वागत किया जाता है।कई घरों में विशेष साज-सज्जा कर, घर को पवित्र कर कलश स्थापना की जाती है और श्रीराम जी का पूजन कर, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम के साथ माता जानकी और लक्ष्मण जी की भी पूजा होती है।
माता कैकयी द्वारा राम जी के पिता महाराजा दशरथ से वरदान मांगे जाने पर, श्रीराम ने राजपाट छोड़कर 14 वर्षों के वनवास को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार किया और वनवास के दौरान कई असुरों समेत अहंकारी रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की। अयोध्या छोड़ते समय श्रीराम के साथ माता जानकी और भाई लक्ष्मण भी 14 वर्षों के वनवास पर गए। यही कारण है कि रामनवमी पर उनकी भी पूजा श्रीराम के साथ की जाती है।
Shri Ram Essay in Hindi – Essay on Sri Rama Navami in Hindi
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रामनवमी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्यौहार भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इसी दिन अयोध्या में हुआ था। यह त्योहार हरेक साल हिंदू कैलेंडर के चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमी में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु पूरे मन से श्री राम जी की पूजा और अर्चना करते हैं। इस दिन लोग श्री राम, सीता और हनुमान जी की पूजा अपने घरों और मंदिरों में करते हैं। बहुत सारे घरों और मंदिरों में रामचरितमानस का पाठ आयोजित किया जाता है।
रामनवमी के दिन कई जगह बड़े-बड़े पांडाल लगाए जाते हैं और वहां भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है और वहां जो भी भक्तजन आते हैं उन्हें प्रसाद बांटा जाता है। राम नवमी के दिन हनुमान जी के मंदिर में कई जगह ध्वजा चढ़ाई जाती है। रामनवमी के दिन कई सारे संस्थाओं में छुट्टियां रहती हैं। लोग उस दिन अपने मित्रों और परिवार वालों से मिलते हैं और प्रसाद खाते और बांटते हैं। कई सारे पंडालों में रात में रामायण का नाटक किया जाता है जिसे बहुत सारे लोग देखते हैं।
रामनवमी के दिन बहुत सारे लोग भंडारे का आयोजन करते हैं, जिसमें बहुत सारे गरीब लोगों को मुफ्त में भरपेट खाना खिलाया जाता है। इस दिन राम मंदिर और हनुमान मंदिर को खास तरह से सजाया जाता है। लोग अपने घरों से निकलकर मंदिर आते हैं और भगवान राम की पूजा करते हैं। मंदिर में रामजी की पूजा करके और बहुत सारे वैदिक मंत्रों को सुनकर लोगों का मन काफी शांत हो जाता है।
राम नवमी निबंध – Short Note on Ram Navami
‘रामनवमी’ हिन्दुओं का प्रसिद्द त्यौहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को रामजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम जी के जन्म पर्व के कारण ही इस तिथि को रामनवमी कहा जाता है। श्री राम को भगवान् विष्णु जी के 10 अवतारों में से 7वां अवतार माना जाता है।
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विपरीत परिस्थियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा में रहते हुए जीवन व्यतीत किया। इसलिए उन्हें उत्तम पुरुष का स्थान दिया गया है।
रामनवमी के दिन जगह-जगह घरों और मंदिरों में श्री राम की पूजा-अर्चना की जाती है और झांकियां सजाई जाती हैं। सभी लोग त्यौहार को हर्ष व उल्लास के साथ मनाते हैं।
रामनवमी के त्यौहार को 9 दिन तक मनाया जाता है। इन 9 दिनों में रामनवमी मनाने वाले सभी हिन्दू भक्त रामचरितमानस का अखंड पाठ करते हैं और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन, कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती की जाती है। ज्यादाता भक्त रामनवमी के 9 दिनों के प्रथम और अंतिम दिन पूरा दिन ब्रत रखते हैं।
भारत में रामनवमी के उत्सव को मानाने के लिए विश्व भर से भक्त इस दिन अयोध्या, सीतामढ़ी, रामेश्वरम, भद्राचलम में जमा होते हैं।
राम पर निबंध राम के बारे में – Ram Navami Par Essay
रामनवमी एक बहुत ही धार्मिक और पारंपरिक हिन्दू त्यौहार है। इस त्यौहार को पुरे भारत में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ हिन्दू लोग मनाते हैं। यह त्यौहार अयोध्या के रजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र श्री राम के जन्म दिवस की ख़ुशी में मनाया जाता है।
श्री राम को भगवान् विष्णु जी के 10 अवतारों में से 7वां अवतार माना जाता है। हिन्दू कलेंडर के अनुसार, प्रतिवर्ष रामनवमी का दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष 9वें दिन को माना जाता है इसीलिए इस दिन को चैत्र मास शुक्लपक्ष नवमी भी कहा जाता है।
लोग अपने घरों में भगवान् श्री राम की मूर्ति बनाते हैं और उसके सामने बैठ कर अपने परिवार और जीवन की सुख-शांति की कामना करते हैं। इन दिनों राम मंदिरों को बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया जाता है।
रामनवमी के त्यौहार को 9 दिन तक मनाया जाता है। इन 9 दिनों में रामनवमी मनाने वाले सभी हिन्दू भक्त रामचरितमानस का अखंड पाठ करते हैं और साथ ही मंदिरों और घरों में धार्मिक भजन, कीर्तन और भक्ति गीतों के साथ पूजा आरती की जाती है। ज्यादातार भक्त रामनवमी के 9 दिनों के प्रथम और अंतिम दिन पूरा दिन ब्रत रखते हैं।
दक्षिण भारतीय लोग रामनवमी के दिन को भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह सालगिराह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी दक्षिण भारतीय मंदिरों को फूलों और लाइट से रोशन कर दिया जाता है।
जबकी अयोध्या और मिथिला के लोग वाल्मीकि ऋषि के रामायण के अनुसार श्री राम और सीता का विवाह सालगिराह, विवाह पंचमी को मनाया जाता है। भारत में रामनवमी के उत्सव को मानाने के लिए विश्व भर से भक्त इस दिन अयोध्या, सीतामढ़ी, रामेश्वरम, भद्राचलम में जमा होते हैं।
कुछ जगहों जैसे अयोध्या, वाराणसी में तो गंगा में पवित्र स्नान के बाद भगवान् राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान प्रभु की रथ यात्रा भी निकाली जाती है।
Ram Navami Par Nibandh Hindi Mein
रामायण हिन्दू धर्म का महान और धार्मिक महाकाव्य है, जो अयोध्या के राजा दशरथ और उनके पुत्र प्रभु श्री राम का इतिहास बताता है। एकबार, त्रेता युग में दशरथ नामक एक राजा थे, जिनकी तीन पत्नियाँ (कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी) थी। उनके कोई भी संतान नहीं थी, जिसके कारण वे अयोध्या के भावी भविष्य के राजा के लिए चिन्तित रहते थे। एक दिन उन्हें महान ऋषि वशिष्ठ ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा को पूरा करने के लिए सन्तान प्राप्ति यज्ञ करने की सलाह दी।
इस यज्ञ को करने के लिए विशेष रुप से ऋष्यशृंग को आमंत्रित किया गया। यज्ञ पूरा करने के बाद, यज्ञ देवता ने उन्हें दिव्य खीर से भरा हुआ कटोरा दिया। उन्होने कटोरे की दिव्य खीर को तीनों पत्नियों में खिला देने के लिए दिया। खीर खाने के कुछ दिनों के बाद में, सभी रानियाँ गर्भवती हो गई। चैत्र के महीने में नौंवी के दिन कौशल्या ने दोपहर के समय राम को, कैकेयी ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वा पुत्र लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
कौशल्या के पुत्र राम, भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे, जिन्होंने अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए धरती पर जन्म लिया था। भगवान राम अपने भक्तों को दुष्टों के प्रहार से बचाया था उन्होंने रावण सहित सभी राक्षसों का सर्वनाश करने के द्वारा पूरी धरती से अधर्म का नाश करके पृथ्वी पर धर्म को स्थापित किया। अयोध्या के निवासी अपने नए राजा से बहुत खुश रहते थे, इसलिए उन्होंने अपने राजा का जन्मदिन हर वर्ष राम नवमी के रुप में बहुत अधिक उत्साह और आनंद के साथ मनाना शुरु कर दिया, जो आज एक परम्परा है और धार्मिक रुप से पूरे भारत में हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता है।
Short Essay on Lord Rama in Hindi
रामनवमी का त्योहार भगवान राम के जन्म दिन के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है। यह भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ऐसी मान्यता है के इसी दिन भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। रामनवमी के दिन श्री राम के भक्त उनकी पूजा अर्चना करते हैं इस दिन लोग मन्दिरों में जाकर राम-सीता और हनुमान जी की पूजा करते हैं। अयोध्या में यह पर्व बड़े ही उल्लास और जोश के साथ मनाया जाता है।
ये त्योहार हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मॉस की शुक्ल की नवमी के दिन मनाया जाता है इस दिन मंदिरों और अन्य जगहों पर बड़े बड़े पंडाल लगाये जाते हैं यहां पर भजन कीर्तन का प्रबंध किया जाता है बड़ी संख्या में भक्त भजन सुनने के लिए आते हैं। बहुत सारी जगहों पर रामायण का नाटक किया जाता है जिसे लोग श्रद्धापूर्वक देखने जाते हैं। रामनवमी के दिन लंगर भी लगाए जाते हैं यहां सभी लोग लंगर भरपेट खाते हैं।
माना जाता है के रामनवमी की पूजा करने वाले इंसान के जीवन में सभी बुराईयां खत्म हो जाती हैं। इसीलिए हिन्दू धर्म में रामनवमी का विशेष महत्व है इस दिन लोग मन्दिर जाकर पूजा अर्चना करते हुए मंगलमयी कामना करते हैं। इस दिन कई लोग अपने घरों में रामचरितमानस का पाठ करवाते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से बहुत लाभ मिलता है।
