Hadappa Sanskriti
हड़प्पा संस्कृति को सिंधु घाटी ,सिंधू सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जाना जाता है । यह सभ्यता bronze age है। इंग्लिश में इसको इंडस वाले कीविलिसटीऑन भी कहा जाता है । यह सभ्यता बलूचिस्तान से गुजरात तक ऑर पंजाब से झेलम रिवर तक चारों ऑर फैली हुई है।
हड़प्पा सभ्यता इतिहास
Harappa Civilisation (indus valley civilization) का आयोजन मोहजोदड़ो द्वारा किया गया।यह संस्कृती भारत की प्राचीन सभ्यता में से एक है हड़प्पा वर्तमान सदी के तीसरे दशक में मनाई गयी थी। यह संस्कृति सिंधु नदी की घाटी के बारे में बताता है। Mohanjodaro का क्षेत्र सिंधु घाटी में चारो और फैला हुआ था जब हरप्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई हुई तब सिंधु घाटी के क्षेत्र का पता चला और प्राचीन काल से विद्वानों ने इसे सिंधु घाटी की सभ्यता का नाम दिया क्योकि य क्षेत्र सिंधु नदी के पास और आस पास की नदियों के पास आते हैं ।
हड़प्पा सभ्यता की लिपि
- पुराना नमूना 1853 में मिला था।
- 1923 में उस पर प्रकाश डाला।
- इसमें 64 मूल चिन्ह और 205 से 400तक अक्षर हैं।
- यह चित्रात्मक लिपि थी।
- इसको पढ़ा नहीं जा सकता।
- इस लिपि में सबसे बड़े लेख में 17चिन्ह हैं।
- ब्रजवासी लाल’ ने बताया की प्राचीन काल में यह ‘सैंधव लिपि दाहिनी ओर से बायीं ओर को लिखी जाती थी।’
- हरप्पा लिपि गुजरात के भावनगर जिले में मिली है।
- यह पड़री के बर्तन के ठीकरो पर लिखी गयी है।
- इसके अंतर्गत तीन विशिष्ठ चित्रित भांड और ताम्बे की कलात्मक वस्तुएं मिली हैं।
हड़प्पा सभ्यता सामाजिक जीवन
- हड़प्पा सभ्यता की विशेषता यह थी की हड़प्पा संस्कृति का सामाजिक जीवन बहुत ही खुशहाल ऑर सुविधा पूर्ण था, क्योंकि उनका मुख्य आधार परिवार था । इस सभ्यता में लोगों के बीच में कोई भेदभाव नहीं था।
- हरप्पा वासियों का परिवार मातृसत्तात्मक होता था।
- हरप्पा की खुदाई में छोटे ऑर बड़े घर आपस में जुड़े हुए मिले जो गरीबी-अमीरी का भेदभाव न होने को दर्शाता है।
- व्यवसाय के माध्यम से यह संस्कृति कई वर्ग में बाटी गई थी जेसे-व्यापारी, पुरोहित,शिल्पकार, ऑर श्रमिक आदि।
- sindhu ghati sabhyata में मिट्टी,सोना, चांदी, तांबे के बर्तनों का उपयोग करते थे।
- खेती के लिए पाषाण ऑर धातु से बने औजार or उपकरणों का प्रयोग करते थे।
- यह के लोग शाकाहारी ऑर मांसाहारी थे।
- शाकाहारी गेंहू,चावल,तिल ,दाल आदि का प्रयोग करते थे।
- यह के लोग अपने मनोरंजन के लिए गाना , नाचना ,जुआ खेलना,शिकार आदि किया करते थे।
- यहा के लोगों का प्रमुख खेल पासा था।
- मछली पकड़ना ऑर चिड़ियों का शिकार करना यहा का पेशा था।
- यहा का क्रिया कलाप मनोरंजन ऑर खाने दोनों के लिए किया जात था।
- खुदाई से छोटी -छोटी टेराकोटा की पक्की मूर्तियाँ मिली हैं जिसमे अधिकतर मूर्तियाँ स्त्रियों की हैं।
- आभूषण में भुजबंद, कंडा ,हासुली ,कर्णफूल आदि का प्रयोग होता था।
हड़प्पा संस्कृति की विशेषताएँ(benefits )
हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषता नीचे दर्शाई गई है :-
नगर निर्माण –
- नगर योजना
- भवन निर्माण
- सार्वजनिक भवन
- विशाल स्नानागार
- अन्न भण्डार
- जल निकासी प्रणाली
सामाजिक जीवन
- भोजन
- वस्त्र
- आभूषण एवं सौदर्य प्रसाधन
- मनोरंजन
- प्रौद्योगिकी ज्ञान
- मृतक कर्म
- चिकित्सा विज्ञान
आर्थिक जीवन –
- कृषि
- पशुपालन
- व्यापार
- कुटीर उद्योग
- माप-तौल, बाट
कला का विकास
- मूर्तिकला / प्रतिमायें
- चित्रकला
- मुद्रा कला
- धातु कला
- पात्र निर्माण कला
- ताम्र पात्र निर्माण कला
- वस्त्र निर्माण कला
- नृत्य तथा संगीत कला
- लेखन कला
धार्मिक जीवन
- मातृदेवी की उपासना
- शिव या परम पुरूष की आराधना
- वृक्ष और पशु पूजा
- लिंग पूजा
हड़प्पा सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें:-(Harappa Varnan)
sindhu sabhyata की नगर योजना उनकी प्रमुख विशेषता थी। इस सभ्यता में जाल नुमा सड़कों ऑर गलियों का प्रयोग होता था, जल निकास प्रणाली एवं पक्की ईंटों को प्रयोग में लिया जाता था।
नगर योजना का वर्णन इस प्रकार है :-
- इस संस्कृति में नगर की सड़के ऑर मकान सही ढंग से बनाए जाते थे।
- मकान के लिए पक्की ईंटों का प्रयोग होता था।
- ईंटों को तय की गई अनुपात के द्वारा बनाया जाता था ऑर इनका आकार आयताकार होता था ऑर ratio 4:2:1 में बनाया जाता था।
- नगर का विभाजन दो भागों में होता था जिसमे छोटे भाग को ऊंचाई पर बनाया जाता था ऑर बड़ा भाग नीचे बनाया जाता था।
- ऊपरी भाग को दुर्ग कहा जाता था ऑर निचले भाग को शहर कहा जाता है।
- दुर्ग को चारों तरफ से घेर होता था जिससे सामने वाले को पता चले की निचला भाग शहर से अलग है।
- दुर्ग के अंदर भंडार गृह, जरूरी कार्यशालाएँ, धर्मों से जुड़ी इमारतें साथ ही जन इमारत भी थी ऑर नीचे के हिस्से मे लोगों अपना जीवन व्यतीत करते थे।
- यहा की प्रमुख विशेषता थी जल निकास प्रणाली।
- सड़कों का निर्माण सीधा ऑर एक दूसरे से समकोड पर काटती थी।
- नालियों का निर्माण करकर उन्हे पत्थर ऑर ईंटों से ढक दिया जाता था ऑर कुछ जगहों पर चुने ऑर जिपसम का प्रयोग भी पाया जाता था।
- इस घाटी की सभ्यता के दरवाजे खिड़की पीछे की तरफ खुलते थे जबकि लोथल में ऐसा नहीं पाया जाताथा।
- मकान निर्माण मे स्नानघर सड़क के पास बनाया जाता था।
हड़प्पा सभ्यता का पतन (decline of harappan civilization)
Harappa civilization का पतन 1800 ई० पू० के आस पास हुआ था। हड़प्पा सभ्यता की लिपि पूरी तरहharappa sabhyata in hindi पढ़ी नहीं जा सकी है ,जिससे उसके पतन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो सके।प्राचीन काल के विद्वानों द्वारा बताया गया है की इसका पतन बाढ़ के कारण हुआ ।लेकिन कुछ का कहना है की आग लग जाना,महामारी,ऑर बाहरी आक्रमण से भी हुआ था। बाढ़ के कारण भारी जान माल की हानि हुई, उसके बाद मृतकों के शवों के सड़ गए , व अन्य कारणों से महामारी फैली गई। Harappa sanskriti के बारे में आप ppt ,pdf , download करकर भी जान सकते हैं ।
हड़प्पा सभ्यता के पतन से जुड़ी प्राचीन विद्वानों की राय
(विद्वान)विचारक | (मान्यता) विचार |
स्टुअर्ट, पिगॉट और गॉर्डन-चाइल्ड | बाहरी आक्रमण |
एम.आर साहनी | जलप्लावन (बाढ़) के कारण |
के.वी.आर केनेडी | महामारी के कारण |
मार्शल और रायक्स | भू-तात्विक में परिवर्तन होने के कारण (Tectonic Disturbances) |
ऑरेल स्ट्रेन और ए.एन घोष | जलवायु के बदलने से |
वाल्टर फेयरसर्विस | वनों की कटाई होने की वजह से , संसाधनों की कमी से , पारिस्थितिकीय असंतुलन होने की वजह से |
मार्शल, एस.आर राव और मैकी | बाढ़ की वजह से |
जी.एफ हेल्स | घाघगर नदी के बहाव में परिवर्तन के कारण विनाश। |
व्हीलर | सभ्यता का पतन बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक और राजनीतिक पतन ही मुख्य कारण था। |
हड़प्पा सभ्यता का पतन निम्नलिखित परिवर्तनों से प्रमाणित किया जा सकता है :-
1. मुहरों, लिपि, विशिष्ट मोती और मिट्टी के बर्तनों की उपसतिथ ना होना ।
2. स्थानीय वजन के उपयोग के लिए अनुरूप वजन प्रणाली में बदलाव होने के कारण ।
3. घर निर्माण टेक्नीक में बदलाव होना और बड़े सार्वजनिक ढांचे के निर्माण में गिरावट होना ।
4. पक्की ईंटों के बदले दुबारा कच्चे ईंटों का प्रयोग करना । जिसकी वजह से केन्द्रीकृत ढांचे का पतन होना।
खुदार्इ के दौरान मिले तथ्यों ऑर चीजों से ही विद्वानों ने इसके पतन के मुख्य कारण अनुमानों के आधार पर बताए है और इसके इलावा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल है जिससे यह पता चले की की कैसे वैभवशाली हड़प्पा सभ्यता का पतन हुआ था।
Harappan Civilization in Hindi
साहिवाल शहर नामक जगह से हरप्पा 20 km तक की दूरी पर है। यह पश्चिम दिशा मे स्थित है।harappa sabhyata ki khoj” Mohanjodaro ने की थी।
हरप्पा को सिंधु घाटी के नाम से भी जाना जाता है।सिंध ऑर पंजाब मे केंद्रित सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था। हड़प्पा शहर का ज्यादातर भाग रेल्वे लाइन के निर्माण होने के कारण समाप्त हो गया था।
