Sardar Vallabhbhai Patel Ke Vichar : सरदार वल्लभभाई पटेल जी जिन्हे लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को मुंबई में हुआ था | सरदार जी एक बहुत बड़े राजनीतिज्ञ थे इनकी मृत्यु 75 साल की उम्र में 15 दिसंबर 1950 को हुई थी | इसीलिए हम आपको सरदार जी द्वारा कहे गए कुछ बेहतरीन कोट्स, विचार तथा थॉट्स के बारे में बताते है जिन्हे पढ़ कर आप अपना जीवन प्रेरणादायक बना सकते है |
सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रेरक प्रसंग
अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है
जब हमारा उत्साह उतावला होता है तो उससे बड़ा परिणाम निकलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिये
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है
सरदार वल्लभ भाई पटेल के नारे – सरदार वल्लभ भाई पटेल का नारा
शक्ति के अभाव में विश्वास किसी भी काम का नहीं है.किसी बड़े काम करने के लिए शक्ति और विश्वास बहुत जरुरी है
शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है. विश्वास और शक्ति , दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं
मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो ,अन्न के लिए आंसू बहता हुआ
स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा. इसके अनाज निर्यात नहीं किये जायेंगे. कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा. इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शाशन करेंगे. इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे .इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन नहीं करेगी. इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे. और यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा
सरदार पटेल का योगदान – सरदार वल्लभभाई पटेल के अनमोल विचार
यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें,और हमारा जीवन बलिदान हो जाए , हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए
बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है.जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए. जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, उनके साथ अक्सर मैं हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती
मुफ्त चीज मिले तो उसकी कीमत कम हो जाती है वही मेहनत से पाई चीज की कीमत ही ठीक होती है
Sardar Patel Quotes On Education
यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है. हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है. उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
आलस्य छोडिये और बेकार मत बैठिये क्योंकि हर समय काम करने वाला अपनी इन्द्रियों को आसानी से वश में कर लेता है
Vallabhbhai Ke Suvichar
अगर आपके पास शक्ति की कमी है तो विश्वास किसी काम का नहीं क्योंकि महान उद्देश्यों की पूर्ती के लिए शक्ति और विश्वास दोनों का होना जरूरी है
अगर आप आम के फल को समय से पहले ही तोड़ कर खा लेंगे, तो वह खट्टा ही लगेगा| लेकिन यही आप उसे थोड़ा समय देते हैं, तो वह खुद ब खुद पककर नीचे गिर जाएगा और आपको अमृत के समान लगेगा
जो व्यक्ति सुख और दुःख को समान रूप से लेता है वो व्यक्ति अपना जीवन बड़े अच्छे तरीके से जीता है
जो कल का काम करना है उसके बारे में सोच कर अपना आज का काम मत बिगाड़ो.आप आज का काम अच्छा कीजिये,कल का काम अपने आप ठीक हो जायेगा
Sardar Vallabhbhai Patel Motivational Thoughts
अधिकार मनुष्य को तब तक अँधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे
जो भी व्यक्ति जीवन को बहुत अधिक गंभीरता से लेता हैं, उसे एक तुच्छ जीवन जीने के लिए तैयार रहना चाहिए| सुख-दुःख को समान रूप से स्वीकार करने वाला व्यक्ति ही सही मायनों में जीवन का आनंद ले पाता है
बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है. जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए. जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
