नवरात्रि के दिन सभी लोग माता की भक्ति में लीन हो जाते है और इस दिन कई लोग अपने घरो में जागरण माता के गीतों का आयोजन भी करते है | इस दिन दुर्गा माता की पूजा करने के लिए कलश स्थापना भी की जाती है लेकिन कलश स्थापना करने का भी एक तरीका होता है उसकी पूजा विधि होती है जिसके बारे में जानने के लिए आप जानकारी यहाँ से पढ़ सकते है और नवरात्रो के दिन अपने घर में ही विधिपूर्वक कलश स्थापना कर सकते है |
नवरात्रि घट स्थापना मुहूर्त – कलश स्थापना मुहूर्त 2022
घट स्थापना समय : नवरात्रि के दिन सभी घरो में नवरात्रि की पूजा होती है लेकिन कुछ लोगो के घरो में ही घट स्थापना अथवा कलश स्थापना की जाती है जिसके लिए एक शुभ मुहूर्त में यह शुभ कार्य करना चाहिए उसी के बाद नवरात्रि की पहली पूजा आरम्भ करनी चाहिए | कलश स्थापना को हर पूजा में इसीलिए ऊपर बताया गया है क्योकि कलश को भगवान गणेश का दर्जा दिया जाता है क्योकि हर पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश को ही याद किया जाता है इसीलिए हिन्दू धर्म में सभी लोग कलश के रूप में गणेश जी की पूजा करती है |
Kalash Sthapana Ka Samay
इसीलिए नवभारत टाइम के अनुसार 29 सितम्बर को कलश स्थापना का मुहूर्त लग जायेगा जिसमे की प्रतिपदा तिथि 28 सितम्बर को 6:41 PM से शुरू हो जाएगी और 29 सितम्बर को 6:31 PM तक रहेगी। इसीलिए 6:31 AM से 7:45 PM तक का समय सर्वार्थ सिद्धि योग में घट स्थापना तथा कलश स्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ होगा |
कलश स्थापना मंत्र
कलश स्थापना के बाद आपको प्रतिदिन इन मंत्रो का जाप करना है शास्त्रों में इन्ही मंत्रो को कलश स्थापना में ऊपर बताये गया है :
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता , नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
घट तथा कलश स्थापना सामग्री
कलश स्थापना के लिए आपको इन सभी चीज़ो की आवश्यकता पड़ती है इन्ही चीज़ो की मदद से आप अपने घर में कलश स्थापना कर सकते है :
- एक कलश मिट्टी ,सोना, चांदी, तांबा अथवा पीतल का लाये उसके लिए आपको ढकने के लिए रखना है |
- कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के
- मिट्टी का पात्र, मिट्टी और जौ
- गंगा जल तथा शुद्ध जल
- पानी वाला नारियल और इस पर लपेटने के लिए लाल कपडा
- अशोक या आम के पत्ते
- फूल माला
- मोली या लाल सूत्र
- दूर्वा
- पंचरत्न
- इत्र
- साबुत सुपारी
कलश स्थापना की विधि – पूजन विधि
- पुराण के अनुसार आपको अपने घर में कलश तथा घट स्थापना करने के लिए अपने घर के पूजा स्थल को बिलकुल साफ कर लेना चाहिए |
- उसके बाद एक चौकी या लकड़ी का फटता लेकर उस पर लाल रंग का कपडा बिछा दे |
- उसके बाद इस कपडे पर गणेश जी का नाम लेते समय चावल रखे |
- कलश में आपको जौ बौना है |
- उसके बाद उस कलश के ऊपर आपको एक जल से भरा हुआ कलश स्थापित करना चाहिए और कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊं का चिन्ह बनाना चाहिए |
- कलश पर आपको एक रक्षा सूत्र बांधना चाहिए और कलश के अंदर कुछ सिक्के तथा आम व अशोक के पत्ते रखना चाहिए |
- उसके बाद एक चुनरी की आवश्यकता पड़ेगी उस चुनरी को आप कलश पर रखस सूत्र की सहायता से बांध दे |
- उसके बाद आप नारियल को कलश के ढक्कन पर रखे व सभी देवताओ का स्मरण करना चाहिए अंत में कलश के पास दीप जला कर विधिपूर्वक नवरात्रि की पूजा करनी चाहिए |
