महान संत रामकृष्ण परमहंस जी का जन्म 18 फरवरी 1836 में हुआ था वह माँ काली के अनन्य भक्त थे तथा महान बुद्धिजीवी स्वामी विवेकानंद के गुरु थे | स्वामी विवेकानंद जी ने उनके नाम पर ही रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी इसीलिए हम आपको रामकृष्ण परमहंस जी द्वारा कुछ बेहतरीन विचारो के बारे में बताते है जिसकी मदद से आप इनके बारे में काफी कुछ जान सकते है |
रामकृष्ण परमहंस के प्रेरक प्रसंग – रामकृष्ण परमहंस के प्रवचन
नाव को हमेसा जल में ही रहना चाहिए जबकि जल को कभी भी नाव में नही होंना चाहिए ठीक उसी प्रकार भक्ति करने वाले इस दुनिया में रहे लेकिन जो भक्ति करे उसके मन में सांसारिक मोहमाया नही होना चाहिए
अथाह सागर में पानी और पानी का बुलबुला दोनों एक ही चीज है ठीक उसी प्रकार ईश्वर और जीवात्मा दोनों एक ही है बस फर्क इतना है की ईश्वर सागर की तरह अनंत तो जीवात्मा बुलबुले की तरह सिमित है
धर्म की बात तो हर कोई करता है लेकिन अपने आचरण में लाना सबके बस की बात नही है
ईश्वर सभी इंसानों में है लेकिन सभी इंसानों में ईश्वर का भाव हो ये जरुरी हो नही है इसलिए हम इन्सान अपने दुखो से पीड़ित है
Ramkrishna Paramhans Quotes Teachings Sayings
एक आदमी एक दीपक की रोशनी से भी भागवत पढ़ सकता है, और एक ओर बहुत प्रकाश में भी कोई जालसाजी कर सकता हैं इन सबसे दीपक अप्रभावित रहता है। सूरज दुष्ट और गुणी व्यक्ति के लिए प्रकाश में कोई अंतर नहीं लाता और दोनों पर समान प्रकाश डालता है।
दुनिया के हर तीर्थ धाम कर ले भी तो हमे सुकून नही मिलेगा जबतक हम अपने मन में शांति न खोजे
ईश्वर दुनिया के हर कण में विद्यमान है और और ईश्वर के रूप इंसानों से आसानी से देखा जा सकता है इसलिए इंसान का सेवा करना ईश्वर की सच्ची सेवा है
सत्य की राह बहुत ही कठिन है और जब हम सत्य की राह पर चले तो हमे बहुत ही एकाग्र और नम्र होना चाहिए क्यूकी सत्य के माध्यम से ही ईश्वर का बोध होता है
Ramakrishna Paramhansa Quote
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जब तक हमारा जीवन है हमे सीखते रहना चाहिए
ईश्वर के अनेको रूप और अनेको नाम है और अनेक तरीको से ईश्वर की कृपा दृष्टि प्राप्त किया जा सकता है और हम ईश्वर को किस नाम या किस तरह से पूजा करते है यह उतना महत्वपूर्ण नही है जितना की हम अपने अंदर उस ईश्वर को कितना महसूस करते है
जिस प्रकार गंदे शीशे पर सूर्य की रौशनी नही पड़ती ठीक उसी प्रकार गंदे मन वालो पर ईश्वर के आशीर्वाद का प्रकाश नही पद सकता है
अपने विचारों में इमानदार रहें। समझदार बने, अपने विचारों के अनुसार कार्य करें, आप निश्चित रूप से सफल होंगे। एक ईमानदार और सरल हृदय के साथ प्रार्थना करो, और आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी।
रामकृष्ण परमहंस के उपदेश
एक सांसारिक आदमी जो कि ईमानदारी से भगवान के प्रति समर्पित नहीं है, को अपने जीवन में कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
भगवान को सभी पथो और माध्यमों के द्वारा महसूस किया जा सकता हैं, सभी धर्म सच्चे और सही हैं। महत्वपूर्ण बात यह यह कि आप उस तक उस तक पहुँच पाते हैं या नहीं। आप वहां तक जानें के लिए कोई भी रास्ता अपना सकते हैं रास्ता महत्व नहीं रखता।
जब हवा चले तो पंखा चलाना छोड़ सकते है लेकिन जब ईश्वर की कृपादृष्टि हो तो हमे ईश्वर की भक्ति नही छोडनी चाहिए
अगर हमे पूर्व दिशा की तरफ जाना है तो हमे कभी भी पश्चिम दिशा में नही जाना चाहिए यानि यदि हमे सफलता की दिशा में जाना है तो कभी भी सफलता के विपरीत दिशा में नही जाना चाहिए
रामकृष्ण परमहंस सुविचार
संसार का कोई भी इन्सान अगर अपने जीवन में पूरी ईमानदारी से ईश्वर के प्रति समर्पित नही है तो उस इन्सान को अपने जीवन से कोई भी उम्मीद नही रखनी चाहिए
यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनों।
बिना स्वार्थ के कर्म करने वाले इन्सान वास्तव में वे खुद के लिए अच्छा कर्म करते है
यदि हम कर्म करते है तो अपने कर्म के प्रति भक्ति का भा होना परम आवश्यक है तभी वह कर्म सार्थक हो सकता है
तुमको प्रकाश अथवा रौशनी की प्राप्ति तब ही कर सकते हो जब तुम उसकी तलाश में हो, और ये तलाश बिल्कुल वैसी ही होनी चाहिए, जैसे की बालों में आग लगे हुआ व्यक्ति तालाब की तलाश में होता हैं।
Ramakrishna Paramahamsa Quotes
भगवान से प्रार्थना करो कि धन, नाम, आराम जैसी अस्थायी चीजो के प्रति लगाव दिन-दिन अपने आप कम होता चला जाएँ।
जब फूल खिलता है तो मधुमक्खी बिना बुलाये आ जाती है और हम जब प्रसिद्द होंगे तो लोग बिना बताये हमारा गुणगान करने लगेगे
यदि हम ईश्वर की दी हुई शक्ति का उपयोग भलाई और अच्छे कर्मो में न करे तो फिर हमे ईश्वर की कृपा पाना है तो अपना जीवन समाज भलाई में लगाना चाहिए
जब तक हमारे मन में इच्छा है तब तक हमे ईश्वर की प्राप्ति नही हो सकती है
सामान्य व्यक्ति धर्म के बारें में हजारों बुराइया करता हैं, लेकिन धर्म को प्राप्त करने का प्रयास बिल्कुल नहीं करता। जबकि बुद्धिमान व्यक्ति जोकि धर्म का काफी ज्ञान रखता हैं और उसका आचरण भी धर्मअनुसार ही हैं कम ही बोलता हैं।
