26 January 2022: Gantantra Diwas एक पर्व की तरह पूरे भारत में मनाया जाता है | R-Day के दिन भारत का संविधान लिखा गया था इसलिए इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव व सम्मान से भी जोड़ा जाता है |15 अगस्त 1947 में जब भारत को ब्रिटिश शाशन से आज़ादी मिली थी उस समय भारत का कोई स्थायी संविधान नहीं था |
73rd Republic Day के मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति(President) बोल्सोनारो होंगे।ब्रिक्स सम्मेलन के समय पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की और साथ ही उनको निमंत्रण दिया ।
साल 1950 में जब देश का संविधान बनकर तैयार हुआ और उसे देश में लागू किया गया तब भारतवासियों में एक नई उमंग उत्पन्न हुई । ये भाग्यशाली दिन 26 जनवरी का था। तभी से इस दिन को हम भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है ।इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी जब भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया तभी से इस दिन को देश के संविधान एवं गणतंत्र के प्रति सम्मान प्रकट करने के उपलक्ष में इस दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं |
Republic day in hindi
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है: भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में यह दिन मनाया जाता है | रिपब्लिक डे पर भाषण एवं रिपब्लिक डे एस्से कम्पटीशन भारत के बहुत से स्कूल एवं विश्विद्यालय में होते है जिसमे आप कविता की भी जानकारी दे सकते है जिससे आप कम्पटीशन में यूज़ कर सकते है|
गणतंत्र दिवस को पूरे भारत में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है, इस दिन को भारत में संविधान लागू होने के उपलक्ष में मनाया जाता है | इस दिन पर भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है | हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्यूंकि इसी दिन भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया गया था | 26 जनवरी के दिन दिल्ली के राजपथ पर विशेष कार्यक्रम होते हैं जिसमे भारतीय जवानों द्वारा की गयी परेड व अलग-अलग व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलते हैं |भाषण,परेड,पाठशालाओं में मिठाइयों का वितरण, एवम् सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता हैं।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है / 26 जनवरी क्यों मनाई जाती है
इस दिन हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया था और तभी से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है | 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शाशन से आज़ाद होने के बाद भारत का कोई स्थायी संविधान नहीं था तब 1947 में 4 नवंबर को राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया था और 24 जनवरी 1950 में यह राष्ट्रीय सभा द्वारा हिंदी व अंग्रेजी में हस्ताक्षरित किया गया था |Bharat के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने Government House में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।
January 26 history | गणतंत्र दिवस का इतिहास
अंग्रेजी शासन से भारत को आजादी मिलने के बाद के समय देश का कोई स्थायी संविधान नहीं था तब पहली बार 4 नवंबर 1947 को राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया व इस संविधान को हिन्दी और अंग्रेजी में दो संस्करणों में राष्ट्रीय सभा द्वारा भारतीय संविधान का पहला ड्राफ्ट हस्ताक्षरित हुआ और तब 26 जनवरी 1950 अर्थात् गणतंत्र दिवस को भारतीय संविधान अस्तित्व में आया। इस दिन भारत को पूर्णं स्वराज देश के रुप में घोषित किया गया था अत: पूर्णं स्वराज के वर्षगाँठ के रुप में हर वर्ष इसे मनाये जाने की शुरुआत हुई।
Significance of Gantantra Diwas | महत्व
हमारी मातृभूमि काफी समय तक गुलाम रही,कई मुग़लों ने ऑर अंग्रेजों ने कई सालों तक शासक किया।15 अगस्त 1947 को हमारा देश पूर्ण रूप से आजाद हो गया था ऑर अब हमारे देश की सुरक्षा के लिए अपना खुद का सविधान चाहिए था। आजाद देश के पंडित जवाहरलाल नेहरू ने डॉ B. R. Ambedkar को कानूनी मंत्री के रूप में सदन से जुडने के लिए आमंत्रित किया।Dr. BR Ambedkar ऑर उनके साथियों ने 2 साल 11 महीने ऑर 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद भारत के लोगों के लिए संविधान बनाया ऑर government of India Act 1935की जगह “हमारा सविधान 1950” को लाया गया ऑर 26 जनवरी 1949 को लागू किया गया।
गणतंत्र दिवस का मतलब
गणतंत्र दिवस का मतलब यह है की हमारा देश किसी का गुलाम नहीं हैं और हम अपने देश को स्वयं सही तरीके से चला सकते हैं | अगर देखा जाए तो भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और इस दौरान लोगों में भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति असंतोष व्याप्त हुआ है । असंतोष का कारण भ्रष्ट शासन और प्रशासन तथा राजनीति का अपराधिकरण रहा। भारत में बहुत से ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो भारतीय संविधान के प्रति श्रद्धा नहीं रखते। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इस दिन के महत्व को समझना है |
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राजपथ इंडिया गेट पर भारत में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए उत्कृष्ट व्यवस्था की जाती है जहां पर सबसे पहले भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय झंड़े को फहराते हैं जिसको राष्ट्रीय गाना गाकर संबोधित किया जाता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती हैं ऑर इसके बाद rashtrapati के द्वारा सम्मान ऑर पुरस्कार प्रदान किया जाता है जेसे अशोक चक्र, क्रीर्ति चक्र, आदि)यह उन लोगों को दिए जाते हैं जो इन्हें प्राप्त करने के योग्य होते हैं। उसके बाद भव्य परदे की शुरुवात होती हैं जो घोड़ों पर अंगरक्षकों की एक मुद्रा के साथ पहुंच जाती है। गणतंत्र दिवस की भव्य परेड का नेतृत्व भारतीय सशस्त्र बलों के तीन प्रभागों द्वारा किया जाता है। नौसेना और वायु सेना के साथ भारतीय सेना की अलग-अलग रेजिमेंटें अपनी वर्दी और आधिकारिक सजावट में अपने बैंड के साथ मार्च पास्ट करती हैं। देश की संस्कृति पर प्रकाश डालने के लिए प्रत्येक भारतीय राज्य और केंद्रशासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व अलग तरीके से किया जाता है।
