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Republic Day Speech In Hindi Pdf Download – 26th january speech in hindi | गणतंत्र दिवस पर भाषण

Republic Day Speech In Hindi

Republic day 2022:गणतंत्र दिवस पूरे भारत में बड़े ही जश्न और समान के साथ मनाया जाता है | R-Day के दिन भारत का संविधान लिखा गया था इसलिए इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव व सम्मान से भी जोड़ा जाता है |15 अगस्त 1947 में जब भारत को ब्रिटिश शाशन से आज़ादी मिली थी उस समय भारत का कोई स्थायी संविधान नहीं था | इसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी जब भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया तभी से इस दिन को देश के संविधान एवं गणतंत्र के प्रति सम्मान प्रकट करने के उपलक्ष में इस दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं | 

ब्राजील के राष्ट्रपति (President) बोल्सोनारो को 73rd Republic Day के मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रित किया गया।पीएम मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के समय उनसे मुलाकात की और साथ ही उनको invite किया।इस दिन विद्यालयों , कॉलेजों , आफ़िसों में तिरंगा झण्डा फहराया जाता है और भिन्न-भिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है कई जगह पर भाषण प्रतियोगिता भी रखी जाती है।आज हम आपको गणतंत्र दिवस पर कुछ स्पीच देने जा रहे है।भाषण,परेड,पाठशालाओं में मिठाइयों का वितरण, एवम् सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता हैं।  

Speech on republic day

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है: भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना के उपलक्ष में यह दिन मनाया जाता है | रिपब्लिक डे पर भाषण एवं रिपब्लिक डे एस्से कम्पटीशन भारत के बहुत से स्कूल एवं विश्विद्यालय में होते है जिसमे आप कविता की भी जानकारी दे सकते है जिससे आप कम्पटीशन में यूज़ कर सकते है|

प्यारे बच्चों आज मैं आपको 26 जनवरी पर भाषण देने जा रहा हूं। यह भाषण आप अपने स्कूल कॉलेज में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको पसंद आएगा

आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सहपाठियों और अभीभावकों को मेरा नमस्कार। मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मेरा नाम…..है. मैं कक्षा… में अध्ययन करता हूं। आज हम सभी “गणतंत्र दिवस” मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। हमारे देश में यह 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर मैं एक भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ।

इस वर्ष हम अपना 71 वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। भारत में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए भारतीय संविधान सभा ने 1949 में इसे अपनाया था और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू करके भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 26 जनवरी को हुई थी। इसलिए गणतंत्र दिवस की स्थापना 26 जनवरी के दिन की गई थी। हमारा देश इसके साथ ही विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र देश बन गया था।Bharat के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने Government House में  26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।

gantantra diwas का अर्थ है देश में सभी देशवासियों के लिए समान व्यवस्था और कानून स्थापित करना। हमारे देश में सभी धर्मों को, संप्रदायों को समान अधिकार और स्थान दिया गया है। हम सभी के लिए 26 जनवरी एक गौरव पूर्ण दिन है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था। हमारे देश में राष्ट्रपति सर्वोच्च शासक होता है। सभी भारतवासी 26 जनवरी का दिन बहुत ही खुशी और उल्लास से मनाते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में अनेक कार्यक्रम इस दिन मनाए जाते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य नेता देश को संबोधित करते हैं। स्कूल के बच्चे अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। रंगारंग कार्यक्रम दर्शकों का मन मोह लेता है।

लॉर्ड माउंटबेटन को हटाकर 26 जनवरी 1950 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को हमारे देश का राष्ट्रपति बनाया गया था। इस दिन दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है। भारत की तीनों सेना – जल सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी यहाँ मार्च करती है और लाल किले पहुंचती है। इस दिन सार्वजनिक समारोह में तरह तरह की झांकियां दिखाई जाती हैं जो लोगों का मनोरंजन करती हैं। 26 जनवरी के दिन शाम को नई दिल्ली में आतिशबाजी होती है आसमान में चारो तरफ रंगारंग आतिशबाजी होती है। राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन देश के सभी गांव और शहरों में स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। हमारे शिक्षक के इस दिन के महत्व के बारे में बताते हैं।

हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सभी देशवासियों को एकजुटता और आपसी प्रेमभाव से रहने की सलाह देते हैं। भारत में अनेकता में एकता पाई जाती है। देश में सभी धर्मों के लोग पूजा कर सकते हैं। अपने धर्मो का पालन कर सकते हैं। किसी पर कोई भी पाबंदी नहीं है। सभी को पूरी तरह स्वतंत्रता प्राप्त है। इस दिन स्कूल कॉलेज में मिठाइयां बांटी जाती हैं। बच्चों को 26 जनवरी के महत्व के बारे में बताया जाता है। हमारे शिक्षक इस दिन के बारे में बताते है।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, वल्लभ भाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू को संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था। संविधान सभा ने ही हमारे देश का कानून बनाया है। संविधान निर्माण में कुल 22 समितियों ने योगदान दिया है। डॉ अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारत का संविधान बनाया है।

26 जनवरी के दिन देश की राजधानी नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। सभी लोग बड़े सम्मान के साथ खड़े होकर राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं। दिल्ली में बहुत से भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक भव्य परेड निकाली जाती है। रेजिमेंट, नौसेना, वायु सेना के सैनिक इसमें हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के बच्चे भी इसमें प्रतिभाग करते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित “अमर जवान ज्योति” पर पुष्प माला डालकर शहीद सैनिकों का सम्मान करते हैं।

सभी शहीद सैनिकों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है। हमारे देश को स्वतंत्र करने में बहुत से लोगों ने बलिदान दिया है। अनेक देशभक्तों ने अपनी जान न्योछावर कर दी। प्रधानमंत्री सभी का आभार प्रकट करते हैं। दिल्ली में होने वाली परेड में विभिन्न राज्यों की झांकियां लगती है। सभी राज्यों की लोकगीत और कला का प्रदर्शन किया जाता है। इस दिन विदेशों से बहुत से मेहमान और राजनेता आते हैं। कंबोडिया, लाओस मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड समेत 10 एशियाई देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रुप में हैं। इसके अलावा भूटान, फ्रांस रूस, सऊदी अरेबिया, ब्राज़ील, मॉरिशस, अल्जीरिया, नाजीरिया, नेपाल, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मुख्य राजनेताओं को बुलाया जाता है। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” में भी गणतंत्र दिवस के बारे में बताते हैं |

आशा है आपको मेरा भाषण पसंद आया होगा। अंत में कहूँगा की इन्ही शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ। धन्यवाद |

26 january speech in hindi | Republic Day Speech

आदरणीय गुरुजन गण मेरे प्यारे भाई और बहिनों हम सभी को पता है की आज हम यहाँ क्यों इकठे हुए | हम यहाँ भारत का 71 वॉ गणतंत्र दिवस मानाने जा रहे है | इस ख़ुशी के मोके पर में आप सभी को बताना चाहता हु की भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिली थी और इसके लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागु किया था | इसी दिन से भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था |

पहली बार राष्ट्रीय सभा को ड्राफ्टिंग कमेटी ने 4 नवम्बर 1947 को सविंधान पहली रुपरेखा तैयार की गयी थी | 26 जनवरी 1950 को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में राष्ट्रीय सभा द्वारा भारतीय संविधान की रूपरेख पर हस्ताक्षर किये गये थे | उसी दिन से यानि 26 जनवरी 1950 से भारत का संविधान अस्तित्व में आया था | तब से आज तक प्रतेक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की शुरुवात हुई थी | जबकि भारत का इतिहास बहुत बड़ा है
भारत को गणतंत्र देश इस लिय कहा गया है क्योकि देश की सर्वोच्च शक्ति को चुनने का अधिकार केवल देश की जनता के पास है | जहा देश की जनता अपना नेता प्रधानमंत्री चुन सकती है | भारत में पूर्ण स्वराज के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी ताकि आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न कारण पड़े और वो इस भारत जैसे बड़े देश को आगे लेकर जा सके |

हमारे देश के महान नेता और स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने भारत की आजादी में अंग्रेजों के खिलाफ़ लगातार संघर्ष करके हमें आजादी दिलाई थी | इन महान नेताओ के समर्पण को हम कभी भी नहीं भूल सकते इसी अवसर पर हम इन नेताओ को याद करते है और उन्हें सलामी दी जाती है | जबकि हर साल एक भव्य मार्च पास्ट इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक आयोजित की जाती है | इस मार्च पास्ट में भारतीय तीनो सेनाओ वायुसेना, नौसेना, थल सेना द्वारा अपना करतब दिखाया जाता है | इस समारोह में भाग लेने के लिए देश के सभी हिस्सों से राष्ट्रीय कडेट कोर व विभिन्न विद्यालयों से बच्चे भी भाग लेते हैं | मार्च पास्ट शुरू होने पर भारत के प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति को पुष्प माला पहनते हैं | इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है |

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं | इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर भारतीय राष्ट्रगान गाया जाता है |भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ 3 रंग व 24 बराबर तीलियों के साथ बीचो बीच में एक चक्र है | राष्ट्रीय ध्वज़ के सभी तीन रंगों का अपना अलग -अलग अर्थ है | सबसे उपर 1 . केसरिया रंग जो देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है | 2. मध्य में सफेद रंग जो शांति को प्रदर्शित करता है | 3. सबसे नीचे का हरा रंग जो वृद्धि और समृद्धि का सूचक है | तिरंगे के मध्य 24 तीलिया वाला एक नेवी रंग का चक्र है जो महान सम्राट अशोक के धर्म को प्रदर्शित करता है |

इसके बाद विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं | प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों की विशेषता उनके लोक गीत व कला का प्रदशर्न किया जाता है | इस मार्च पास्ट का सीधा प्रसरण टेलीवजन पर किया जाता है जिसे दुनिया के प्रतेक कोने में देखा जाता है | जबकि भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये भाषण को सुनने के लिए लाखों कि भीड़ लाल किले पर एकत्रित होती है | धन्यवाद

” जय हिन्द ” जय भारत “

26 january speech in english

Good morning to my respected Principal Madam, my respected Sir and Madam and my all colleagues. I would like to say thank you to give me such a great opportunity to speak something on our Republic Day. My name is….. I read in class…..

Today, we all are here to celebrate 71st Republic Day of our nation. This is a great and auspicious occasion for all of us. We should greet each other and pray to God for the development and prosperity of our nation. We celebrate Republic Day in India every year on 26th of January as the constitution of India came into force at this day. We are regularly celebrating the Republic Day of India since 1950 as on 26th of January in 1950 India constitution came into force.

India is a democratic country where public is authorized to elect its leaders to lead the country. Dr. Rajendra Prasad was our first President of India. Since we got independence from the British rule in 1947, our country has developed a lot and counted among the powerful countries. Together with some developments, some drawbacks have also arisen such inequality, poverty, unemployment, corruption, illiteracy, etc. We need to take a pledge today for solving such problems in the society to make our country a best country of the world.

भारत के गणतंत्र दिवस पर भाषण

मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, मेरे शिक्षकगण, मेरे वरिष्ठ और सहपाठीयों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। चलिये मैं आप सबको इस खास अवसर के बारे में कुछ जानकारी देता हूं। आज हम सभी अपने राष्ट्र का 71वां गणतंत्र दिवस मना रहें हैं। 1947 में भारत की आजादी के ढाई साल बाद इसको मनाने की शुरुआत सन् 1950 से हुई। हम इसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के बाद, भारत एक स्व-शासित देश नहीं था आर्थात् एक संप्रभु राज्य नहीं था। भारत एक स्व-शासित देश बना जब 1950 में इसका संविधान लागू हुआ।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसका यहाँ पर शासन करने के लिये कोई राजा या रानी नहीं है हालांकि यहाँ की जनता यहाँ की शासक है। इस देश में रहने वाले हरेक नागरिक के पास बराबर का अधिकार है, बिना हमारे वोट के कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिये हमें अपना सबसे अच्छा प्रधानमंत्री या कोई भी दूसरा नेता चुनने का ह़क है। हमारे नेता को अपने देश के पक्ष में सोचने के लिये पर्याप्त दक्षता होनी चाहिये। देश के सभी राज्यों, गाँवों और शहरों के बारे में उसको एक बराबर सोचना चाहिये जिससे नस्ल, धर्म, गरीब, अमीर, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, अशिक्षा आदि के बिना किसी भेदभाव के भारत एक अच्छा विकसित देश बन सकता है।

देश के पक्ष में हमारे नेताओं को प्रभुत्वशाली प्रकृति का होना चाहिये जिससे हर अधिकारी सभी नियमों और नियंत्रकों को सही तरीके से अनुसरण कर सकें। इस देश को एक भष्ट्राचार मुक्त देश बनाने के लिये सभी अधिकारियों को भारतीय नियमों और नियामकों का अनुगमन करना चाहिये। “विविधता में एकता” के साथ केवल एक भष्टाचार मुक्त भारत ही वास्तविक और सच्चा देश होगा। हमारे नेताओं को खुद को एक खास व्यक्ति नहीं समझना चाहिये, क्योंकि वो हम लोगों में से ही एक हैं और देश को नेतृत्व देने के लिये अपनी क्षमता के अनुसार चयनित होते हैं। एक सीमित अंतराल के लिये भारत के लिये अपनी सच्ची सेवा देने के लिये हमारे द्वारा उन्हें चुना जाता है। इसलिये, उनके अहम और सत्ता और पद के बीच में कोई दुविधा नहीं होनी चाहिये।

भारतीय नागरिक होने के नाते, हम भी अपने देश के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। हमें अपने आपको नियमित बनाना चाहिये, ख़बरों को पढ़ें और देश में होने वाली घटनाओं के प्रति जागरुक रहें, क्या सही और गलत हो रहा है, क्या हमारे नेता कर रहें हैं और सबसे पहले क्या हम अपने देश के लिये कर रहें हैं। पूर्व में, ब्रिटिश शासन के तहत भारत एक गुलाम देश था जिसे हमारे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के द्वारा बहुत वर्षों के संर्घषों के बाद आजादी प्राप्त हुई। इसलिये, हमें आसानी से अपने सभी बहुमूल्य बलिदानों को नहीं जाने देना चाहिये और फिर से इसे भ्रष्टाचार, अशिक्षा, असमानता और दूसरे सामाजिक भेदभाव का गुलाम नहीं बनने देना है। आज का दिन सबसे बेहतर दिन है जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये।

धन्यवाद, जय हिन्द

गणतंत्र दिवस स्पीच

Republic Day Speech

मैं अपने आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षिका, और मेरे सभी सहपाठियों को सुबह का नमस्कार कहना चाहूंगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम सभी यहाँ अपने राष्ट्र का 71वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं। ये हम सभी के लिये बेहद शुभ अवसर है। 1950 से, हम गणतंत्र दिवस को हर वर्ष ढ़ेर सारे हर्ष और खुशी के साथ मनाते हैं। उत्सव की शुरुआत के पहले, हमारे मुख्य अतिथि देश के राष्ट्रीय ध्वज़ को फहराते हैं। इसके बाद हम सभी खड़े होते हैं और राष्ट्र-गान गाते हैं जो कि भारत की एकता और शांति का प्रतीक है। हमारा राष्ट्र-गान महान कवि रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया है।

हमारे राष्ट्रीय ध्वज़ में तीन रंग और 24 बराबर तीलियों के साथ मध्य में एक चक्र है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज़ के सभी तीन रंगों का अपना अर्थ है। सबसे ऊपर का केसरिया रंग हमारे देश की मजबूती और हिम्मत को दिखाता है। मध्य का सफेद रंग शांति को प्रदर्शित करता है जबकि सबसे नीचे का हरा रंग वृद्धि और समृद्धि को इंगित करता है। ध्वज़ के मध्य में 24 बराबर तीलियों वाला एक नेवी नीले रंग का चक्र है जो महान राजा अशोक के धर्म चक्र को प्रदर्शित करता है।

हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि 1950 में ही इस दिन भारतीय संविधान अस्तित्व में आया था। गणतंत्र दिवस उत्सव में, इंडिया गेट के सामने नयी दिल्ली में राजपथ़ पर भारत की सरकार द्वारा एक बड़ा आयोजन किया जाता है। हर साल, इस उत्सव की चमक को बढ़ाने के साथ ही “अतिथि देवो भव:” के कथन के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक मुख्य अतिथि (देश के प्रधानमंत्री) को बुलाया जाता है। भारतीय सेना इस अवसर पर परेड के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज़ को सलामी देती है। भारत में विविधता में एकता को प्रदर्शित करने के लिये अलग-अलग राज्यों के द्वारा भारतीय संस्कृति और परंपरा की एक बड़ी प्रदर्शनी भी दिखायी जाती है।

Republic day in hindi speech

मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं, मेरे सीनियर और मेरे सहपाठी, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…….। मैं कक्षा….में पढ़ती/पढ़ता हूँ। अपने इस महान उत्सव गणतंत्र दिवस पर भाषण देना मेरे लिये बहुत सौभाग्य की बात है। सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुझे बोलने का मौका देने के लिये हार्दिक अभिनंदन करती/करता हूँ। मेरे प्रिय साथियों, हम आज यहाँ अपने राष्ट्र का सबसे विशेष उत्सव मनाने के लिये एकत्र हुये हैं। हम प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को एक गणतंत्र देश के रुप में घोषित होने के कारण गणतंत्र दिवस मनाते हैं।

मुझे भारत का नागरिक होने पर बहुत गर्व है। इस दिन पर, हम अपने गणतंत्र देश के लिये दिल से सम्मान प्रदर्शित करने के लिये भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराते और राष्ट्रीय गान गाते हैं। ये पूरे देश में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिण संस्थाओं, बैंको और भी बहुत से स्थानों पर मनाया जाता है। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। 1947 से 1950 के बीच का समय परिवर्तन का समय था और किंग जार्ज प्रथम राज्य के प्रमुख वहीं लार्ड मांउटबेटेन और सी. राजगोपालचार्य जी भारत के गवर्नर बने थे।

भारत सरकार अधिनियम 1935 को भारतीय संविधान के 26 जनवरी 1950 के अस्तिस्व में आने के बाद भारत के सरकारी कागजातों के रुप में रख दिया था। 1949 में भारत के संविधान को संवैधानिक समिति द्वारा 26 नवम्बर को ग्रहण किया गया था हांलाकि इसे लोकतांत्रिक सरकारी प्रणाली के साथ बाद में 1950 को देश को एक पूरा तरह से स्वतंत्र गणराज्य के रुप में घोषित किया गया था। 26 जनवरी को विशेष रुप से इसलिये चुना गया क्योंकि इस समान दिन पर 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता अर्थात् पूर्ण स्वराज्य घोषित किया था। 1950 में, संविधान को ग्रहण करने बाद, गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति, राजेन्द्र प्रसाद बने थे।

भारतीय सेनाओं (सभी तीनों सेनाओं द्वारा) राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) के साथ-साथ देश के राज्यों की राजधानियों में भी एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी की परेड रायसीना हिल (राष्ट्रपति भवन के पास, भारतीय राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास स्थान) से शुरु होकर और राजपथ से होते हुये पुराने इंडिया गेट पर समाप्त होती है। भारतीय सेना के साथ, देश के राज्य भी अपने देश की संस्कृति और परंपराओं को दिखाने के लिये परेड में भाग लेते हैं। इस दिन पर, हमारा देश, मुख्य अतिथि (किसी दूसरे देश के राजा, प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति) को 26 जनवरी पर “अतिथि देवो भव” की परंपरा को निभाते हुये आमंत्रित करता है। भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सेनाओं के कमांडर-इन-चीफ, भारतीय सेनाओं द्वारा सलामी लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री, अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर शहीद हुये भारतीय सैनिकों को पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि देते हैं। गणतंत्र दिवस का उत्सव 29 जनवरी तक लगातार जारी रहता है जो बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ समाप्त होता है। इस दिन पर, प्रत्येक भारतीय संविधान के लिये अपनी/अपना सम्मान प्रदर्शित करते हैं।

जय हिन्द, जय भारत

Republic day speech in hindi pdf

आदरणीय सभापति महोदय, इस पवित्र त्यौहार के मौके पर आपने मुझे अपने शब्दों को रखने का मौका प्रदान किया इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर इस प्रांगन में उपस्थित गणमान्य अथिति, गुरुजन और मेरे प्यारे सहपाठियों आप सभी को (अपना नाम) की ओर से प्यार भरा नमस्कार!

26 जनवरी हम सभी देशवाशियों के लिए बहुत ही पवित्र पर्व है जो हमें याद दिलाता है कि हम सब विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र देश के नागरिक हैं और स्वतंत्र हैं. गणतंत्र अथवा प्रजातंत्र का मतलब “जिसमें राजकीय सुविधाओं के लिए सब सामान है.” हम सब स्वतंत्र रहना चाहते हैं, प्रजातंत्र चाहते हैं. लेकिन यह प्रजातंत्र और स्वतंत्रता बहुत ही कठिन परिश्रम के बाद मिला है.
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कई वर्षों के संघर्ष, कड़ी मेहनत और कई जीवन न्योछावर करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली. स्वतंत्रता के ढाई वर्ष बाद भारत सरकार ने स्वयं का संविधान लागु किया और भारत को एक प्रजातांत्रिक गणतंत्र घोषित किया.
2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक के बाद भारतीय संविधान तैयार किया गया. जिसे 26 जनवरी 1950 में संविधान सभा में पास किया गया और इसी दिन से हम प्रतिवर्ष 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने लगे. आज हम सभी भारतवाशी 71वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं.

हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जिन्होंने कहा था, ” हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को को हमने एक ही संविधान और संघ में पाया है जो देश में रहने वाले 320 लाख पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है.

यह बहुत ही शर्म की बात है कि आज आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी हम अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़ रहे हैं. 1947 के पहले हमारा देश बाहरी लोगों के गुलाम था लेकिन आज के समय में राजनेता और कुछ भ्रष्ट अधिकारिओं ने अपने ओहदे का गुलाम बनालिया है. यदि देश का विकास चाहिए तो यहाँ के लोगों का विकास होना बहुत जरूरी है. इसके लिए हम सभी को आगे आना होगा. देश में फैले रहे भ्रष्टाचार को ख़त्म करना होगा.

एक बहुत ही कड़वी सच्चाई आपको बताता हूँ, 1947 में द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से हमारा देश आजाद हो गया वरना आज देश में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि लोग अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं.

पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे अब्दुल कलाम जी ने कहा था कि अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त, महान और अच्छे ज्ञान वाले लोगों का बनाना है तो सोसाइटी से जुडी तीन चीजें माता, पिता, और शिक्षक को भ्रष्टाचार मुक्त, महान और अच्छे ज्ञान वाला बनना होगा.

इस संविधान में सर्वोच्च संवैधानिक सत्ता के रूप में राष्ट्रपति का पद भी बनाया गया जो स्वतंत्र भारत के संविधान के अनुसार भारत का सर्वोच्च शासक बना और संविधान में भारत को सर्वप्रभुतासपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य भी घोषित किया गया. इस प्रकार की शासन व्यवस्था से भारत संसार का सबसे बड़ा स्वतंत्र गणतंत्र राज्य बन गया.

इस समारोह में एकत्रित हो ‘गणतंत्र दिवस’ मनाने का एकमात्र उद्देश्य देश के नागरिकों की स्वतंत्रता को सदैव बनाए रखने की प्रेरणा देना है ताकि देश में विभिन्नताओं में एकता, सहयोग, भाईचारे की भावना में वृद्धि हो सके. यह राष्ट्रीय पर्व हम सब को राष्ट्रीय स्वतंत्रता प्राप्ति आंदोलन में किए गए संघर्षों और बलिदानों की भी याद दिलाता है साथ ही स्वतंत्रता बनाए रखने की प्रेरणा देता है. यह दिवस हमारी राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है |

5 lines on republic day in hindi

  • इस दिन सभी सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों में अवकाश होता है।
  • हर साल 26 जनवरी का दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ।
  • इस दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है।
  • इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं।

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